सिद्धार्थनगर में लाखों की ठगी कर भागी गाजियाबाद की कंपनी, थाने में हंगामा
ऋण देने के नाम पर लाखों की ठगी करके एक कंपनी फरार हो गई। कंपनी के एजेंटों ने मध्यम वर्ग की महिलाओं को झांसा देकर फंसाया और जब भुगतान की बात आई तो कार्यालय बंद कर दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। सिद्धार्थनगर के सदर थाना क्षेत्र के नौगढ़ में ऋण देने के नाम पर लाखों की ठगी करके एक कंपनी फरार हो गई। कंपनी के एजेंटों ने मध्यम वर्ग की महिलाओं को झांसा देकर फंसाया और जब भुगतान की बात आई तो कार्यालय बंद कर दिया।
सदर थाना पहुंचे ठगी के शिकार लोगों ने जमकर हंगामा किया। ठगी के शिकार लोगों ने आरोप लगाया कि करीब एक माह पूर्व पुरानी नौगढ़ में गाजियाबाद की एकता कन्सलेटेंसी नामक संस्था ने आफिस खोला था। संस्था में कार्यरत कर्मियों ने लोगों को उनके आवश्यकता के अनुरूप ऋण देने का आश्वासन दिया। कागजी कार्रवाई करने के नाम पर साढ़े तीन से पांच हजार रुपये लिए गए।
करीब तीन सौ लोगों से धन एकत्र किया। करीब एक सप्ताह पूर्व आफिस को बांसी तिराहा पर स्थापित कर दिया। यहां पर भी कुछ लोगों ने ऋण के लिए आवेदन किया।
एक सप्ताह के भीतर यहां भी करीब 50 लोगों को चूना लगाया गया है। जब ऋण वितरित करने का समय आया तो आफिस बंद करके सभी कर्मचारी भाग गए। इस संबंध में प्रभारी एसओ सदर राजेंद्र यादव ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। पीडि़तों ने तहरीर दी है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
तीन लाख नेपाली करेंसी के साथ एक धराया
एसएसबी 43वीं वाहिनी ने सिद्धार्थनगर जनपद के मोहाना थाना क्षेत्र के ककरहवा बार्डर पर तीन लाख नेपाली करेंसी के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित का नाम नेपाल के जिला रूपनदेही के थाना लुम्बिनी के ग्राम अमारी निवासी अतीकुर्रहमान है। एसएसबी ने बरामद रुपये कस्टम विभाग के सुपर्द कर दिया है।
सीमा पर एसएसबी के जवानों ने संदिग्ध परिस्थितियों में बाइक से नेपाल जा रहे युवक को रोका। तलाशी ली तो उसके पास से भारी मात्रा में नेपाली करेंसी बरामद किया। पूछताछ में वह रुपयों के संबंध में कोई सही जानकारी नहीं दे सका। बरामदगी करने वाली टीम में कंपनी कमांडर कमलेश यादव, मुख्य आरक्षी सुरजीत कुमार ङ्क्षसह, आरक्षी सुजीत महतो, खजान सिंह आदि शामिल रहे। इस संबंध में निरीक्षक कस्टम विमल यादव ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बरामद रुपया किसका है और कहां जा रहा था, आरोपित इसकी जानकारी नहीं दे पा रहा है। इतनी बड़ी मात्रा में नेपाली करेंसी कैसे वह यहां पर प्राप्त किया था, इन सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है।
उद्देश्य बताकर आधिकारिक मार्ग से ले जा सकते हैं करेंसी
कस्टम इंस्पेक्टर विमल यादव ने बताया कि नेपाली करेंसी लाने के लिए आधिकारिक मार्ग का प्रयोग करें। बढऩी, खुनुवा व ककरहवा इसके लिए आधिकारिक मार्ग है। कस्टम आफिस में लिखित रूप से मुद्रा की मात्रा, मुद्रा ले जाने का उद्देश्य बताने के बाद वह करेंसी को ले जा सकता है। अधिकतम धनराशि 25 हजार रुपये ले जाने का प्रावधान है। इससे ऊपर की धनराशि ले जाना कानून का उल्लंघन माना गया है।