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कुशीनगर मस्जिद विस्‍फोट कांड : हाजी पर दर्ज मुकदमे दे रहे उसकी दबंगई की गवाही Gorakhpur News

कुशीनगर में मस्जिद विस्फोट कांड के मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन पर पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं। इसमें दो मुकदमे ऐसे हैं जिसमें दूसरे समुदाय के लोगों से धार्मिक विवाद करने का है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 04:12 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 04:36 PM (IST)
कुशीनगर मस्जिद विस्‍फोट कांड : हाजी पर दर्ज मुकदमे दे रहे उसकी दबंगई की गवाही Gorakhpur News
कुशीनगर मस्जिद विस्‍फोट कांड : हाजी पर दर्ज मुकदमे दे रहे उसकी दबंगई की गवाही Gorakhpur News

गोरखपुर/कुशीनगर, जेएनएन। कुशीनगर में मस्जिद विस्फोट कांड के मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन का दामन दागदार रहा है। उस पर पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं। इसमें दो मुकदमे ऐसे हैं, जिसमें दूसरे समुदाय के लोगों से धार्मिक विवाद होने तथा घर में घुसकर जान से मारने के आरोप हैं। एक मुकदमा नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास का भी है। यह घटना कुतुबुद्दीन के इशारे पर हुई थी, जिसमें वह प्राणघातक हमले का आरोपित है।

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शुरू से कट्टर स्‍वभाव का था हाजी

दर्ज मुकदमों में जहां एक में सुलह हो गई, वहीं तीन मुकदमे अब भी विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। कट्टर स्वभाव वाला कुतुबुद्दीन गांव के दूसरे समुदाय के लोगों से बेहद नफरत रखता है। इस बात को लेकर शहर व कस्बे से दूर गांव बैरागीपट्टी में अक्सर तनाव का वातावरण बना रहता है। उसकी दबंगई के आगे लोग आवाज उठाने की बजाय चुप रहना ही मुनासिब समझते। यही कारण रहा कि वह मनमानी करता रहा। उसकी मनमानी का विरोध करते हुए गांव के जगरनाथ ने उसके खिलाफ 1988 में तुर्कपट्टी थाने में शिकायत की और मुकदमा दर्ज कराया।

घर में घुसकर की थी मारपीट

उस समय कुतुबुद्दीन ने गांव में एक धार्मिक जलसे का आयोजन कराया था, जिसमें दूसरे धर्म की निंदा किए जाने की बात सामने आई थी। जगरनाथ ने इस आयोजन का विरोध जताया था। इस बात को लेकर कुतुबुद्दीन जगरनाथ से रंजिश रखने लगा। आयोजन के कुछ दिनों बाद ही कुतुबुद्दीन ने अपने कुछ लोगों के साथ जगरनाथ के घर में घुसकर हमला बोल दिया। इस मामले में कुतुबुद्दीन सहित दूसरे आरोपितों पर अपराध संख्या 91-88 धारा 147, 452, 323, 324, 504, 506 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

दुर्गा प्रतिमा तोड़ने का भी है आरोप

लगभग तीन वर्ष बाद जगरनाथ ने मुकदमे की पैरवी छोड़ दी, तबसे मामला ठंडे बस्ते में है। उस पर दूसरा मामला 18 जून 2011 अपराध संख्या 411-11 धारा 295, 427 आइपीसी के तहत दर्ज हुआ, तब कुतुबुद्दीन पर दुर्गा की प्रतिमा तोड़ने का आरोप लगा था। गांव स्थित नव-निर्मित मंदिर में स्थापित करने के लिए लोगों ने बनारस से प्रतिमा मंगाई थी। गांव के बबलू जायसवाल ने कुतुबुद्दीन के खिलाफ शिकायत की थी। हालांकि इस मामले में सुलह-समझौता हो गया।

गुंडा व पाक्सो एक्ट में भी दर्ज है मुकदमा

कुतुबुद्दीन की गतिविधियों से गांव में बने माहौल को देख अगस्त 2013 में पुलिस ने उस पर गुंडा अधिनियम 110 जी की कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया। एक अगस्त 2014 को कुतुबुद्दीन व उसके करीबियों पर गंभीर आरोप लगा। इस मामले में अपराध संख्या 678-14 धारा 147, 148, 308, 452, 354, 376, 7-8 पाक्सो एक्ट का मुकदमा कायम हुआ। कुतुबुद्दीन व उसके लोगाें ने गोलबंद होकर दूसरे धर्म के एक व्यक्ति के घर में घुसकर जमकर मारपीट की। आरोपितों में एक युवक ने पीड़ित परिवार के नाबालिग संग दुष्कर्म का भी प्रयास किया था। आरोप लगा था कि यह घटना कुतुबुद्दीन के इशारे पर हुई थी। मौके पर वह मौजूद भी था।


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