हत्यारों ने पांच दिन में बदले दो मोबाइल व पांच सिमकार्ड
पचास हजार की रंगदारी देने से मना करने पर दुकानदार योगेश जायसवाल की गोली मारकर हत्या में आरोपित इंदूपुर निवासी विवेक सिंह पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया में 50 हजार की रंगदारी देने से मना करने पर दुकानदार योगेश जायसवाल की गोली मारकर हत्या में आरोपित इंदूपुर निवासी विवेक सिंह पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। पुलिस की चार टीमें बीते पांच दिनों में करीब दस जगहों पर दबिश दीं, लेकिन आरोपित की परछाई तक नहीं छू पाईं। सूत्रों का कहना है कि पांच दिन में विवेक ने करीब पांच मोबाइल नंबर का प्रयोग किया। उसने दो मोबाइल हैंडसेट बदला। गोरखपुर से लेकर बिहार तक विवेक सिंह और मुन्ना यादव का लोकेशन मिल रहा है। पुलिस की टीम उसके करीब पहुंची, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया।
योगेश जायसवाल की मठिया चौराहे पर बेकरी की दुकान थी। नौ मार्च को इंदूपुर निवासी विवेक सिंह ने योगेश से पचास हजार की रंगदारी मांगी। इसके बाद दुकानदार ने मुकदमा दर्ज कराया। यह बात विवेक को खटक गई। उसने केस वापस लेने की धमकी दी। दबाव में आकर तत्कालीन थानेदार ने विवेक को गिरफ्तार नहीं किया। थानेदार भूपेंद्र ङ्क्षसह ने रंगदारी की घटना को उच्चाधिकारियों से अवगत नहीं कराया। केस दर्ज होने के पांच दिन बाद भी विवेक, मुन्ना यादव के साथ पहुंचा और दुकान में घुसकर योगेश की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस की इकबाल को चुनौती देते हुए शातिर अब सिरदर्द बना हुआ है। एएसपी शिष्यपाल का कहना है कि विवेक लगातार ठिकाना बदल रहा है। समय रहते अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह सिरदर्द साबित होगा।
प्रधान से लिया था ढाई लाख का चेक
विवेक के अपराधों का पन्ना धीरे-धीरे पलट रहा है। एक प्रधान से उसने ढाई लाख का चेक लिया था। रुपये मांगने पर वह धमकी देने लगा। इसे लेकर थाने में पंचायत हुई। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
यह है घटनाक्रम
बदमाशों ने देवरिया के सदर कोतवाली के सोंदा में परीक्षा देने के आए एक छात्र का अपहरण कर लिया था। भलुअनी कस्बा निवासी तारकेश्वर प्रजापति की कस्बे में चाय की दुकान है और चारपहिया गाड़ी टैक्सी में चलती है। तारकेश्वर का बेटा अभिषेक 16 कोतवाली के सोंदा स्थित एक विद्यालय में कक्षा आठ का छात्र है। मंगलवार सुबह आठ बजे वह टेंपो से परीक्षा देने के लिए घर से विद्यालय के लिए निकला, लेकिन स्कूल नहीं पहुंचा। करीब नौ बजे तारकेश्वर के मोबाइल पर अभिषेक के नंबर से फोन आया। अभिषेक ने कहा कि कुछ युवकों ने उसे घेर लिया है। वह स्कूल के पीछे पोखरी के पास है। यह लोग चाकू मारकर मेरी हत्या करने की फिराक में हैं। बच्चे की बात सुनकर पिता घबरा गया। तारकेश्वर ने भलुअनी थानाध्यक्ष अश्वनी तिवारी को घटना की जानकारी दी। थानेदार तत्काल मुकदमा दर्ज कर छात्र की तलाश में जुट गए। रात करीब साढ़े नौ बजे अभिषेक प्रजापति के मोबाइल से तारकेश्वर के नंबर पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि पांच लाख रुपये देकर बेटे को वापस ले जाओ नहीं तो अंजाम बुरा होगा।