गोरखनाथ मंदिर में अब भी रौनक बरकरार, श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी
गोरखनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का क्रम अब भी जारी है। गोरखनाथ मंदिर में ख्चिड़ी मेला में महिला और बच्चों की अपार भीड़ है।
By Edited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 07:10 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 07:10 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। मकर संक्रांति पर्व के बाद भी गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगे मेले में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। तरह-तरह के झूले, मौत का कुंआ व लजीज व्यंजनों का आनंद लिया। पूरा मेला परिसर लोगों से भरा रहा। झूले, सर्कस, जादू व लगभग हर जरूरी सामान की दुकानों पर लोगों की भीड़ रही। मेले में सजी दुकानों में लोगों की जरूरत का लगभग हर सामान उपलब्ध था। वैसे तो गोरखनाथ मंदिर का मेला एक माह तक चलता है लेकिन मकर संक्रांति के बाद भी इसकी रौनक देखते बन रही थी।
तेज स्वर में बजते लाउडस्पीकर, स्टेज पर थिरकते कलाकार, रंगे-पुते जोकर, जगह-जगह लगे हैरतअंगेज कारनामे व आकर्षक पोस्टर मेले में आने वालों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे थे। उम्र चाहे कोई हो मेले में आराम से निशानेबाजी का शौक पूरा कीजिए या मनमाफिक झूले का आनंद लीजिए। यदि दिल मजबूत है तो मौत के कुएं में कलाकार का रोंगटे खड़ा कर देने वाला कारनामा भी देख सकते हैं। स्टूडियों में घुसकर पल भर के राजा-रानी या मनचाहे वेश में फोटो खिंचवाने का भी इंतजाम था। अपने शौक के हिसाब से लोग भरपूर लुत्फ उठा रहे थे। मस्ती के मूड में बच्चे मेले में लोग पूरी तरह मस्ती के मूड में थे। बच्चे तो मेले का मजा उठाने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते थे।
रंग-बिरंगे खिलौनों और गुब्बारों की दुकानों पर वे मचल जाते थे। सर्कस, तमाशे देखने और झूलों का आनंद उठाने में उन्होंने खूब रुचि ली। बिसाता और सौन्दर्य प्रसाधन की दुकानों पर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं की भीड़ थी। लजीज व्यंजनों के स्टालों पर लोग अच्छी-खासी तादात में चटखारे ले रहे थे। मेले में हर तरह के लजीज व्यंजन मेले में चाइनीज से लेकर साउथ इंडियन व्यंजन मसलन चाउमिन, पिज्जा, बर्गर, पावभाजी, डोसा और उप्पम की दुकानें सजी थीं। जगह-जगह गरम-गरम जलेबी और पकौड़ी भी छन रही थी।
खिचड़ी मेले की पहचान खजला तो हर जगह मौजूद था। घरेलू जरूरत के लिए भी ढेरों दुकानों सजी थीं। इन पर कैंची, छलनी, चिमटा, बाल्टी, कप प्लेट और ट्रे बिक रहे थे। भीम सरोवर में लिया बोटिंग का मजा गोरखनाथ परिसर स्थित भीम सरोवर के चारो तरफ तट पर खड़े होकर लोग प्रकृति का आनंद ले रहे थे। साथ ही लोगों ने बोटिंग का भी मजा लिया। भीड़ ज्यादा होने से बोटिंग के लिए अपनी बारी का लोगों को इंतजार भी करना पड़ा। पूरे दिन सरोवर में बोट दौड़ते रहे।
तेज स्वर में बजते लाउडस्पीकर, स्टेज पर थिरकते कलाकार, रंगे-पुते जोकर, जगह-जगह लगे हैरतअंगेज कारनामे व आकर्षक पोस्टर मेले में आने वालों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे थे। उम्र चाहे कोई हो मेले में आराम से निशानेबाजी का शौक पूरा कीजिए या मनमाफिक झूले का आनंद लीजिए। यदि दिल मजबूत है तो मौत के कुएं में कलाकार का रोंगटे खड़ा कर देने वाला कारनामा भी देख सकते हैं। स्टूडियों में घुसकर पल भर के राजा-रानी या मनचाहे वेश में फोटो खिंचवाने का भी इंतजाम था। अपने शौक के हिसाब से लोग भरपूर लुत्फ उठा रहे थे। मस्ती के मूड में बच्चे मेले में लोग पूरी तरह मस्ती के मूड में थे। बच्चे तो मेले का मजा उठाने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते थे।
रंग-बिरंगे खिलौनों और गुब्बारों की दुकानों पर वे मचल जाते थे। सर्कस, तमाशे देखने और झूलों का आनंद उठाने में उन्होंने खूब रुचि ली। बिसाता और सौन्दर्य प्रसाधन की दुकानों पर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं की भीड़ थी। लजीज व्यंजनों के स्टालों पर लोग अच्छी-खासी तादात में चटखारे ले रहे थे। मेले में हर तरह के लजीज व्यंजन मेले में चाइनीज से लेकर साउथ इंडियन व्यंजन मसलन चाउमिन, पिज्जा, बर्गर, पावभाजी, डोसा और उप्पम की दुकानें सजी थीं। जगह-जगह गरम-गरम जलेबी और पकौड़ी भी छन रही थी।
खिचड़ी मेले की पहचान खजला तो हर जगह मौजूद था। घरेलू जरूरत के लिए भी ढेरों दुकानों सजी थीं। इन पर कैंची, छलनी, चिमटा, बाल्टी, कप प्लेट और ट्रे बिक रहे थे। भीम सरोवर में लिया बोटिंग का मजा गोरखनाथ परिसर स्थित भीम सरोवर के चारो तरफ तट पर खड़े होकर लोग प्रकृति का आनंद ले रहे थे। साथ ही लोगों ने बोटिंग का भी मजा लिया। भीड़ ज्यादा होने से बोटिंग के लिए अपनी बारी का लोगों को इंतजार भी करना पड़ा। पूरे दिन सरोवर में बोट दौड़ते रहे।
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