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Karwa Chauth 2021: अखंड सुहाग का प्रतीक करवा चौथ आज, जानें कब निकलेगा चांद

Karwa Chauth 2021 पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घ आयु व उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना करके भगवान चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन करती हैं। स्त्रियों कई दिन पूर्व से ही इस व्रत की तैयारी प्रारंभ करती हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 09:05 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 06:52 PM (IST)
Karwa Chauth 2021: अखंड सुहाग का प्रतीक करवा चौथ आज,  जानें कब निकलेगा चांद
करवा चौथ व्रत रव‍िवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Karwa Chauth 2021 : करवा चौथ का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं निर्जल व्रत रखेंगी। पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार 24 अक्टूबर को चतुर्थी का मान रात्रि में 02.51 मिनट तक तथा रोहिणी नक्षत्र रात 11.35 बजे तक है। चंद्रमा की स्थिति रोहिणी नक्षत्र पर है। ऐसे में इस दिन के व्रत से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। चांद निकलने का टाइम 7:51 मिनट अनुमानित है।

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मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से पति के जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं आता है। पति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा के पूजन करने का विधान है।

पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की दीर्घ आयु व उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना करके भगवान चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन करती हैं। स्त्रियों में इस दिन के प्रति इतना अधिक श्रद्धा भाव होता है कि वे कई दिन पूर्व से ही इस व्रत की तैयारी प्रारंभ करती हैं। यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है, यदि वह दो दिन चंद्रोदय व्यापिनी हो अथवा दोनों ही दिन न हो तो पूर्वविद्धा लेनी चाहिए। करक चतुर्थी को ही करवा चौथ भी कहा जाता है।

ऐसे करें पूजा

इस दिन महिलाओं को सुबह सूर्योदय के काल में स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। दिन भर चंद्रोदय काल तक निर्जल व्रत करना चाहिए। करवा चौथ का पूजन चंद्रोदय के बाद किया जाता है। सबसे पहले गौरी-गणेश का पूजन किया जाता है, इसके बाद करवा माता या सौभाग्य दायिनी ललिता देवी का पूजन किया जाता है।

शिव-पार्वती की भी होती है पूजा

करवा चौथ पर शिव-पार्वती एवं स्वामी कार्तिकेय की भी पूजा होती है। शिव-पार्वती की पूजा का विधान इसलिए किया जाता है कि जिस प्रकार शैलपुत्री पार्वती ने घोर तपस्या करके भगवान शिव को प्राप्त कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया, वैसा ही वर उन्हें भी मिले। वैसे भी गौरी पूजन का कुंवारी और विवाहित स्त्रियों के लिए विशेष महात्म्य है।

गोरखपुर जेल में 11 महिला बंदी रखेंगी करवा चौथ व्रत

गोरखपुर जिला कारागार में निरुद्ध 11 महिला बंदी रविवार को करवाचौथ का व्रत रहेंगी।जेल प्रशासन ने इन महिला बन्दियों को सम्बंधित पूजा सामग्री शनिवार को दे दी है। छह महिला बंदियों के पति जेल में ही हैं।व्रत रहने वाली महिला बंदियों को चांद निकलने तक पति से मुलाकात करने की छूट दी जाएगी। जिला कारागार में इस समय 111 महिला बंदी निरुद्ध हैं। जिसमें अर्चना समेत 11 ने करवा चौथ व्रत रखने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद जेल प्रशासन ने उन्हें व्रत रहने की अनुमति दी और उनके लिए पूजा सामग्री की व्यवस्था कराई।


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