इस जिले में थाने की भूमि पर सोनम संग महक रहा कालानमक धान Gorakhpur News
सिद्धार्थनगर जनपद में थानों की खाली पड़ी भूमि पर सुगंधित कालानमक एवं सोनम धान बोया गया है। दो माह बाद कालानमक व सोनम की खुशबू से रसोई महकेगा। सभी जगह रासायनिक के स्थान पर गाय के गोबर से बने खाद का प्रयोग किया जा रहा है।
सिद्धार्थनगर, जेएनएन। जिले के आठ थानों की भूमि फसल उगाने के काम आ रही हैं। कपिलवस्तु और मिश्रौलिया थाने में कालानमक और उस्का बाजार में सोनम प्रजाति का धान उगाया जा रहा है। वहीं खेसरहा और त्रिलोकपुर थाने की खाली पड़ी जमीन में भी धान की रोपाई की गई है। ये बीज कृषि विभाग ने उपलब्ध कराया था।
जानकारी के मुताबिक नवंबर 2019 में तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह के निर्देश पर थानों ने खाली पड़ी भूमि पर खेती शुरू की थी। शोहरतगढ़, गोल्हौरा, ढेबरुआ व इटवा थाना परिसर में सब्जी की खेती हो रही है। कपिलवस्तु व चिल्हिया थाने के तालाब में कमल खिले हैं। इसमें मछली पालन भी किया जाता है। कई थानों की खाली भूमि को गार्डेन बना दिया गया है। थानों की भूमि में पैदा होने वाली फसल का प्रयोग थाने के मेस में किया जाएगा।
अब मेस में पकेगा कालानमक चावल
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर अब थाना के मेस में ताजा और हरी सब्जियां उपयोग में लाई जाती हैं। यह सब्जी थाने की क्यारियों में पैदा हो रहीं हैं। इससे पुलिसकर्मियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा रही है। दो माह बाद कालानमक व सोनम की खुशबू से रसोई महकेगा। सभी जगह रासायनिक के स्थान पर गाय के गोबर से बने खाद का प्रयोग किया जा रहा है। पुलिसकर्मी फसल की सुरक्षा में लगे रहते हैं। कुछ स्थानों पर बेसहारा पशुओं से बचाव के लिए कटीले तार का बाड़ भी बनाए गए है। पुलिस अधीक्षक के आवास के पास करीब आठ बीघा भूमि है। जनपद स्थापना काल से ही इस भूमि में कृषि विभाग आर्गेनिक खाद का प्रयोग कर कालानमक की खेती कराता है। कालानमक चावल को शासन स्तर से लेकर डीएम तक तोहफे के रूप में देने की परंपरा है।
10 बीघा खेत में हो रही है खेती
जनपद के नौ थाना के करीब 10 बीघा खेत में खेती हो रही है। इसमें उसका बाजार थाना के पास करीब चार बीघा खेत है। वहीं कपिलवस्तु कोतवाली परिसर में एक बीघा जमीन है। जहां कम स्थान है, वहां सब्जी की खेती हो रही है। पुलिस अधीक्षक राम अभिलाष त्रिपाठी ने बताया कि थाना परिसर की खाली भूमि के उपयोग के लिए निर्देशित किया गया था। धान व सब्जियों की खेती सराहनीय कदम है। इससे थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को शुद्ध व ताजा सब्जियां मिलेंगी, जो स्वास्थ्यपरक साबित होती हैं।