सिर्फ एक क्लिक ने आसान कर दी घर की राह
गोरखपुर : धीरे-धीरे शहर बदल रहा है। चौराहे संवर रहे हैं। बस डिपो का कायाकल्प हो रह
गोरखपुर : धीरे-धीरे शहर बदल रहा है। चौराहे संवर रहे हैं। बस डिपो का कायाकल्प हो रहा है। रेलवे स्टेशन पर सुविधाएं बढ़ रही हैं। अब तो देर रात स्टेशन से घर पहुंचना भी आसान हो गया है। मोबाइल पर ओला एप पर सिर्फ एक क्लिक कीजिए और सामने ओला की टैक्सी खड़ी मिलेगी। फिलहाल, महानगर में 24 घंटे 100 से अधिक ओला की टैक्सियां लोगों को सेवाएं प्रदान कर रही हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या और बढ़ेगी।
आम यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से इंडियन रेलवे कैट¨रग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) ने भी भारतीय रेलवे स्तर पर रेडियो टैक्सी योजना के तहत यात्रियों को घर से घर तक (डोर-टू-डोर) पहुंचाने के लिए 'ओला' से करार कर लिया है। छह माह के पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना चलेगी। सफलता पर आगे इस योजना को बढ़ाया जाएगा। फिलहाल, रेलवे स्टेशन जाने या फिर ट्रेन से उतरने के बाद मंजिल तक पहुंचने के लिए यात्रियों को अब सवारी का इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। लखनऊ जंक्शन पर तो पार्किंग की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। गोरखपुर जंक्शन पर पार्किंग के लिए तैयारी चल रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार गोरखपुर में पार्किंग के लिए जल्द ही टेंडर भी निकाला जाएगा।
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किराया के नाम पर
ठगे नहीं जाएंगे यात्री
अपने स्टेशन पर समय से पहुंचने के बाद भी साधन नहीं मिलने पर लोग घर नहीं पहुंच पाते। रात के समय स्टेशन पर परेशानी और बढ़ जाती है। जानकारी के अभाव में यात्री अक्सर ठगे जाते हैं। एक तो सही साधन नहीं मिलते, जो मिलते हैं वह मनमाना दाम वसूलते हैं। यात्रियों को इन समस्याओं से निजात दिलाने और बेहतर सुविधा देने के उद्देश्य से आइआरसीटीसी ने भारतीय रेलवे स्तर पर रेडियो टैक्सी के लिए ओला से अनुबंध किया है।
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एक सप्ताह पहले
शुरू होगी बुकिंग
आइआरसीटीसी के 'रेल ऐप' या 'वेबसाइट' पर ओला टैक्सी की आनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है। यात्रा से एक सप्ताह पूर्व टैक्सी की बुकिंग हो सकती है। किराया भी स्थानीय वाहनों से कम निर्धारित है। यात्री सुविधानुसार छोटी और बड़ी टैक्सियां बुक कर सकते हैं। बुक करने के बाद यात्री को टैक्सियों का लोकेशन मिलता रहता है। स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही टैक्सियां इंतजार में खड़ी रहती हैं।
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महानगर के प्रमुख स्थलों
पर खड़ी रहती हैं टैक्सियां
ओला की टैक्सियां महानगर के प्रमुख स्थलों पर खड़ी रहती हैं। तत्काल आवश्यकता पड़ने पर मोबाइल नंबर से भी टैक्सियां बुक हो जाती हैं। अब तो लोग स्टेशनों के अलावा कार्यक्रमों और उत्सवों में आने-जाने तथा बाजार के लिए भी ओला की टैक्सियां बुक करने लगे हैं। तत्काल कोई आवश्यकता पड़ने पर यह टैक्सियां राहत प्रदान कर रही हैं।
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आनलाइन बेस्ड सर्विस
एग्रीगेटर है 'ओला'
ओला एक आनलाइन बेस्ट सर्विस एग्रीगेटर यानी सामूहिक संस्था है। यह संस्था व्यवसाय की दृष्टि से इंटरनेट के सिंगल वेबसाइट पर सूचनाएं एकत्र कर लोगों को सुविधाएं प्रदान करती है। यानी, यह दूसरे फर्मो या व्यक्तियों से टैक्सियां लेकर लोगों को सुविधाएं देती है। ओला संस्था आम जनता या फर्मो से टैक्सी का अनुबंध कर लेती है और उनकी सेवाएं प्रदान करती हैं। सेवाओं के हिसाब से अपना कमीशन लेती है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) संदीप कुमार पंकज के अनुसार महानगर में चल रही ओला की टैक्सियां अधिकृत हैं। लेकिन यह सभी टैक्सियां ओला के नाम पर पंजीकृत नहीं हैं। यह सभी टैक्सियां भिन्न-भिन्न नाम और फर्म से पंजीकृत हैं। जिनके सभी कागजात और फिटनेस प्रमाण पत्र दुरुस्त हैं। ओला सिर्फ सूचनाओं का आदान-प्रदान करती है।
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रेलवे स्टेशन से किराया
गोरखनाथ मंदिर- 51 से 54 रुपया
एमएमएमयूटी- 105 से 111 रुपया
नौसढ़- 121 से 128 रुपया
तारामंडल-91-96 रुपया
मेडिकल कालेज-148-156 रुपया