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गोरखपुर में एक लाख से अधिक की जनऔषधि एक्सपायर, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान Gorakhpur News

जनऔषधि केंद्र पर मिलने वाली दवाएं दूसरी कंपनियों के मुकाबले 50 से 90 फीसद सस्ती होती हैं। जनऔषधि केंद्र की सस्ती दवा लिखी नहीं गई तो बिकी भी नहीं। दवा की एक्सपायरी इसी का नतीजा है

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 08:13 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 08:00 AM (IST)
गोरखपुर में एक लाख से अधिक की जनऔषधि एक्सपायर, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान Gorakhpur News
गोरखपुर में एक लाख से अधिक की जनऔषधि एक्सपायर, कारण जानकर हो जाएंगे हैरान Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। मरीजों को जो दवाएं सस्ते में मिल जातीं वह असर की मियाद खत्म (एक्सपायर) होने से बेकार हो गई। ऐसा जिला अस्‍पताल के उन डॉक्टरों की वजह से हुआ, जिन्होंने मरीजों को जेनरिक की बजाय ब्रांडेड कंपनी की दवाएं लिखीं। चिकित्सकों की इस हठधर्मिता ने जनऔषधि केंद्र पर रखी करीब एक लाख रुपये की दवाओं का तो नुकसान किया ही उन मरीजों को आर्थिक चोट भी पहुंचाई, जो सस्ते इलाज की आस में जिला अस्पताल आए थे।

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90 फीसद सस्‍ती हैं जेनरिक दवाएं

जनऔषधि केंद्र पर मिलने वाली दवाएं दूसरी कंपनियों के मुकाबले 50 से 90 फीसद सस्ती होती हैं, जबकि रोगों पर असर बराबर करती हैं। सरकार ने एक-दो नहीं दर्जनों बार इस बात के निर्देश दिए कि मरीजों को जेनरिक दवाएं ही लिखी जाएं। बावजूद इसके ऐसा नहीं हुआ। जनऔषधि केंद्र की सस्ती दवा लिखी नहीं गई तो, बिकी भी नहीं। दवा की एक्सपायरी इसी का नतीजा है।

दवाओं की आवक कम

नुकसान के चलते जनऔषधि केंद्र पर दवाओं की आवक कम हो गई है। आलम यह है कि ब्लड प्रेशर, शुगर, दर्द-बुखार, दाद, खाज, खुजली, कैल्शियम, मल्टी विटामिन, थायरायड, आयरन, कफ सिरप, सांस फूलने व झटके जैसे सामान्य व गंभीर रोगों की दवाएं पिछले 15 दिन से नहीं हैं।

सस्ती दवाएं डाक्टर लिखते ही नहीं

जनऔषधि केंद्र के फार्मासिस्ट वसीउल्लाह खान बताते हैं कि डॉक्टर जेनरिक दवा नहीं लिख रहे हैं, जिसके चलते मरीज बाहर से महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। इस वजह से जनऔषधि केंद्र पर मौजूद चर्म रोग, एंटी बायोटिक, गैस व कई तरह के इंजेक्शन समेत 60 से अधिक दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं, इनकी कीमत एक लाख से ज्यादा है। कई दवाएं फरवरी में एक्सपायर हो जाएंगी। दवाएं एक्सपायर होने से वेंडर ने आपूर्ति रोक दी है।

अब इनका सरकारी बयान सुनिए

जिला अस्‍पताल के एसआइसी डा. राजकुमार गुप्‍ता का कहना है कि मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। सभी डॉक्टरों को जेनरिक दवाएं लिखने के स्पष्ट निर्देश हैं। जो डॉक्टर ऐसा नहीं कर रहे उनकी शिकायत मिली तो कार्यवाही की जाएगी।


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