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विश्व दृष्टि दिवस : बच्चों की आंखों के लिए घातक है मोबाइल पर देर तक देखना

World Sight Day 2021 कोरोना संक्रमण काल में बच्चे मोबाइल पर आनलाइन क्लास लिए। इसके बाद समय बचा तो मोबाइल से ही खेलते रहे क्योंकि उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था। इसका असर उनकी आंखों पर पड़ने लगा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 10:30 AM (IST)
विश्व दृष्टि दिवस : बच्चों की आंखों के लिए घातक है मोबाइल पर देर तक देखना
मोबाइल पर देर तक देखना बच्‍चों की आंखों के ल‍िए घातक होता है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल के दौरान शुरू हुए आनलाइन क्लास का असर अब बच्चों की आंखों पर दिखने लगा है। बच्चे मायोपिया के शिकार हो रहे हैं। उनके दूर तक देखने की क्षमता पर असर पड़ रहा है। ढाई वर्ष में मेडिकल कालेज से लेकर निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या में लगभग डेढ़ गुना का इजाफा हुआ है। डाक्टरों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बच्चे जब दिखाई कम पड़ने की समस्या बताएं तो तत्काल उन्हें नेत्र रोग विशेषज्ञ से दिखाने की जरूरत है। इसमें लापरवाही न बरतें। इसके प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है।

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आंखों में दर्द, खुजली या अन्य दिक्कत होने पर डाक्टर को दिखाएं

विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना संक्रमण काल में बच्चे मोबाइल पर आनलाइन क्लास लिए। इसके बाद समय बचा तो मोबाइल से ही खेलते रहे, क्योंकि उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था। इसका असर उनकी आंखों पर पड़ने लगा है। पहले एक माह में लगभग 20 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होते थे, अब इनकी 50 के आसपास हो गई है। लगातार मोबाइल पर देखने से आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं। आंखें सिकुड़ रही हैं। उनके दूर देखने की क्षमता कम हो रही है।

ढाई साल में डेढ़ गुना बढ़ी मायोपिया के मरीजों की संख्या

निजी अस्पतालों के अलावा बीआरडी मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल में भी ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ी है। इनमें सर्वाधिक स्कूली बच्चे हैं। जब भी बच्चों की आंखों में दर्द, खुजली या अन्य कोई दिक्कत हो तो चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।

स्कूलों के बंद होने से और घर पर मोबाइल या लैपटाप पर आनलाइन क्लास लेने से बच्चों की आंखों पर ज्यादा असर पड़ा है। बच्चों को मोबाइल स्क्रीन से दूर रखने की जरूरत है। -डा. रजत कुमार, नेत्र रोग विशेषज्ञ।

मेडिकल कालेज में मायोपिया के रोगियों में लगभग 30 फीसद की वृद्धि हुई है। इनमें 80 फीसद बच्चे हैं। इसका मुख्य कारण मोबाइल की स्क्रीन पर ज्यादा देर तक देखना है। - डा. रामकुमार, अध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, बीआरडी मेडिकल कालेज।


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