ISRO का सेटेलाइट रखेगा ट्रेनों पर नजर, मिलेगी सटीक जानकारी Gorakhpur News
ISRO का सेटेलाइट अब यात्रियों को घर बैठे किसी भी मोबाइल या नेट फीचर पर (गूगल अन्य वेबसाइट एप या 139 आदि) ट्रेनों की सटीक जानकारी देगा।
गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। नए साल में रेल यात्रियों को नई सौगात मिली है। कोहरा हो या ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन। गाडिय़ों का निरस्तीकरण या विलंबन। यात्रियों के लिए घर बैठे किसी भी मोबाइल या नेट फीचर पर (गूगल, अन्य वेबसाइट, एप या 139 आदि) ट्रेनों की सटीक ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध है।
आम यात्रियों को मिलेगी राहत
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन (इसरो) से हाथ मिलाया है। इसरो की मदद से रेलवे का सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) रिसीवर गगन के जरिए सीधे सैटेलाइट से जुड़ गया है। इसरो सैटेलाइट के माध्यम से हर क्षेत्र से एकत्र डाटा अलग-अलग सिस्टम में क्रिस को उपलब्ध करा रहा है। क्रिस इसे आम यात्रियों तक पहुंचा रहा है।
रेलवे ने इसरो से किया है अनुबंध
रेल मंत्रालय की पहल पर रेलवे बोर्ड और इसरो के बीच दिसंबर 2017 में अनुबंध हुआ था। इसरो ने जी-सैट सीरीज के सैटेलाइट की मदद से एक डिवाइस विकसित कर रिसीवर गगन से लिंकअप कर दिया है। अब क्रिस और सैटेलाइट आपस में जुड़ गए हैं। फिलहाल, भारतीय रेलवे में यह नई व्यवस्था शुरू हो चुकी है। स्वयं रेलमंत्री पीयूष गोयल क्रिस और इसरो की उपलब्धि को सोशल मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं।
एक प्लेटफार्म पर मौजूद है भारतीय रेलवे, सैटेलाइट से होगी सुरक्षा
इसरो से जुडऩे से पहले बोर्ड ने भारतीय रेलवे की ऑनलाइन मैपिंग कराई है। यानी, सभी रेल लाइनों, स्टेशनों, ट्रेनों और परिसर का ऑनलाइन नक्शा तैयार है, जो एक प्लेटफार्म पर मौजूद है। इससे इसरो का सैटेलाइट रेलवे की हर गतिविधियों पर नजर रखने लगा है। इसरो की मदद से रेलवे की सुरक्षा भी की जाएगी। प्रस्ताव तैयार है।
आसान हुई कंट्रोलरों की राह
निर्बाध रेल संचलन और ऑनलाइन जानकारी देने के लिए कंट्रोलरों को ट्रेनों के हर पल की सूचना दर्ज करनी पड़ती थी। अब क्रिस ही कंट्रोलरों को भी अपडेट कर रहा है। यहां जान लें कि यात्रियों को अभी तक ट्रेनों की जो ऑनलाइन जानकारियां मिलती थीं, वह दूसरे जीपीएस सोर्स पर आधारित थीं। अब जो भी सूचना जारी होगी वह रेलवे की अपनी होगी।