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हर्षल ग्रह गोचर के बीच गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष धर्म सम्मेलन

ग्रह हर्षल रविवार मेष राशि में वक्री होने वाला है। ऐसे में गोरखपुर में धर्म जागरण मंच ने अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष धर्म सम्मेलन आयोजित किया है। जाने क्या और कैसी है हर्षल की गति?

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 01:32 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 02:31 PM (IST)
हर्षल ग्रह गोचर के बीच गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष धर्म सम्मेलन
हर्षल ग्रह गोचर के बीच गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष धर्म सम्मेलन

गोरखपुर, जेएनएन।  एक-एक राशि में करीब सात साल तक रहने वाला, 84 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाने वाला ग्रह हर्षल रविवार रात 10 बजकर 19 मिनट पर हर्षल मेष राशि में वक्री होने वाला है। आज ही गोरखपुर में धर्म जागरण मंच ने अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष धर्म सम्मेलन आयोजित किया है। आमतौर पर हर्षल को खुशियों और आध्यात्मिकता में वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष को विज्ञान मान चुके दुनिया के 15 देशों के 300 से ज्यादा ज्योतिषाचार्य सम्मेलन में शिरकत करने वाले हैं।

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उद्घाटन करेंगे केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल

तारामंडल रोड के एक लॉन में होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल, ज्योतिषाचार्य अनिल वत्स और एचएस रावत करने पहुंच रहे हैं। समापन कार्यक्रम आठ जनवरी को दोपहर बाद तीन बजे होगा जिसके मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। मंच के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य धनेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि सम्मेलन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जिसका उद्घाटन शाम पांच बजे होना है। सम्मेलन में मॉरिशस, मलेशिया, अमेरिका, ईरान, आस्ट्रेलिया, चीन, नेपाल व रूस आदि 15 देशों के 300 से ज्यादा धर्माचार्य और ज्योतिषाचार्य हिस्सा लेंगे। 

मुफ्त परामर्श सत्र भी होगा

सम्मेलन में प्रत्येक दिन अलग-अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान और परिचर्चा की जाएगी। मंच से ज्योतिषाचार्य पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देंगे। सात जनवरी को शाम 8:30 बजे मनोरंजन सत्र रखा गया है, जिसमें मशहूर गायक भजन प्रस्तुत करेंगे। सम्मेलन में आमजन का प्रवेश केवल उद्घाटन सत्र, मुफ्त परामर्श, भजन संगीत और सम्मान सत्र में ही होगा। डॉ. धनेश मणि ने बताया कि सम्मेलन में प्रतिदिन शाम पांच से आठ बजे तक मुफ्त परामर्श सत्र आयोजित होगा।

हर्षल ग्रह क्या है?

हर्षल हमारे सौरमंडल के सातवें वृत्त में रहता है और लगभग 84 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है, यानी कि यह एक राशि में सात वर्षों तक रहता है। यह वृत्त पृथ्वी पर राजनीतिक और धार्मिक परिवर्तन लाता है। दार्शनिको, चिंतको और मनोवैज्ञानिको के लिए हर्षल ग्रह बेहद महत्वपूर्ण होता है। यह व्यक्ति के अंदर आध्यात्मिक शक्ति और आत्मबल का संचार करता है, तो हर्षल ग्रह के वक्री होने से विभिन्न राशि वालों पर क्या प्रभाव होंगे, हर्षल फिलहाल आपके किस स्थान पर गोचर कर रहा है और हर्षल की शुभ स्थिति सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। हर्षल रविवार रात 10 बजकर 19 मिनट पर हर्षल मेष राशि में वक्री हो रहा है। 6 जनवरी, 2019 को रात 01:57 तक हर्षल मेष राशि में वक्री गति से गोचर के बाद मार्गी हो जाएगा। 


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