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गोरखपुर चिडिय़ाघर के अधूरे काम 10 दिन में पूरा करने के निर्देश

निरीक्षण करने के बाद दोनों अधिकारियों ने प्राणी उद्यान के निदेशक एच राजा मोहन और पशु चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह से विचार-विमर्श किया और विनोद वन से पशु-पक्षियों को लाए जाने की येाजना पर खासतौर से बातचीत की।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 05:45 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 05:45 PM (IST)
गोरखपुर चिडिय़ाघर के अधूरे काम 10 दिन में पूरा करने के निर्देश
चिडि़याघर का भ्रमण करते (बीच में )पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ पीके शर्मा।

गोरखपुर, जेएनएन। शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान (चिडिय़ाघर) का निरीक्षण करने आए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव (पीसीसीएफ) पीके शर्मा ने कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को 10 दिन के सारे अधूरे काम हर हाल में पूरा कर परिसर को प्राणी उद्यान के अधिकारियों के हवाले करने का निर्देश दिया है। इस बीच बाड़ों की साफ-सफाई, टार्चिंग और सैनिटाइजेशन का पूरा कर लेने की हिदायत दी है। उन्होंने बताया कि इसके बाद वन्यजीवों को लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसको लेकर बुधवार को उन्होंने चिडिय़ाघर परिसर में मातहतों के साथ विचार-विमर्श भी किया।

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वन्यजीवों को लाने को लेकर मातहतों के साथ किया विचार-विमर्श

पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ दो दिन के दौरे पर गोरखपुर आए थे। उनके साथ लखनऊ चिडिय़ाघर के पशु चिकित्साधिकारी / उप निदेशक डा. उत्कर्ष शुक्ल भी मौजूद थे। अधिकारियों ने चिडिय़ाघर के हर हिस्से का बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण करने के बाद दोनों अधिकारियों ने अलग-अलग चिडिय़ाघरों में रखे गए वन्यजीवों को लाए जाने को लेकर प्राणी उद्यान के निदेशक एच राजा मोहन और पशु चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह से विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने विनोद वन से पशु-पक्षियों को लाए जाने की येाजना पर खासतौर से बातचीत की।

सबसे पहले विनोद वन से आएंग वन्‍य जीव

पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने बताया कि परिसर मिलने के बाद वन्यजीवों को लाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सबसे पहले विनोद वन से वन्यजीवों को लाया जाएगा। इसके बाद लखनऊ और कानपुर के चिडिय़ाघर से जानवर लाए जाएंगे। इससे पहले कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य पूरा कर मजदूरों तथा परिसर में घूमने वाले कुत्तों व अन्य जानवरों को बाहर निकालने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि फरवरी में प्राणी उद्यान का लोकार्पण कराने की तैयारी की जा रही है। हालांकि इससे पहले बाहर से लाए जाने वाले वन्यजीवों को अलग-अलग कम से कम 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रखना होगा। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही प्राणी उद्यान का लोकार्पण कराया जाएगा।


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