आमी को गंदा कर रहे उद्योगों को एक हफ्ते में बंद करने का निर्देश
आमी नदी के प्रदूषण पर एनजीटी ने सख्त रूख अपनाया है। एनजीटी ने प्रदू्षण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया है।
गोरखपुर (जेएनएन)। एनजीटी की हाईपावर पावर कमेटी ने भी आमी के प्रदूषण पर गहरी चिंता जताई है। कमेटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डीपी सिंह ने निर्देश दिए कि जो नहीं सुधर रहा है उसे बंद कर दो क्योंकि उद्योग, जनता से अधिक कीमती नहीं हो सकते। न्यायमूर्ति ने आमी को गंदा कर रहे गोरखपुर, संतकबीरनगर और बस्ती के उद्योगों को एक हफ्ते में बंद कराने के साथ रामगढ़ताल के किनारे 50 मीटर के भीतर हुए अतिक्रमण को भी तीन हफ्ते में ध्वस्त कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण रोकें वरना वह निलंबित तो होंगे ही वेतन से रिकवरी भी की जाएगी। अगली बैठक 24 सितंबर को लखनऊ में होगी, जिसमें निर्देशों की समीक्षा की जाएगी।
विश्वविजय की याचिका पर हुआ हाईपावर कमेटी का गठन
आमी बचाओ मंच के विश्वविजय की याचिका पर एनजीटी ने हाईपावर कमेटी का गठन किया है। न्यायमूर्ति डीपी सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी सोमवार को डुमरियागंज, संतकबीरनगर और रुधौली में निरीक्षण करने के बाद मंगलवार को गोरखपुर पहुंची। गीडा के अड़ीलापार में सरिया नाले से आमी में जा रहे कचरे को देखकर टीम हैरान रह गई। टीम ने गोरखपुर में रामगढ़ताल का नाव से निरीक्षण किया और सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की।
न्यायमूर्ति कहा, प्राकृतिक संसाधनों की लूट नहीं चलेगी
न्यायमूर्ति ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं गीडा के अधिकारियों से नाराजगी जताते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की लूट इस प्रकार नहीं चलेगी। बैठक में याची विश्वविजय ने वर्ष 2006 से अब तक की गई शिकायतों, आमी से संबंधित जांच रिपोर्ट, सीईटीपी (कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेन्ट प्लांट) लगाने में की जा रही लापरवाही के मामले साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया।
मुकदमा दर्ज कराने का भी निर्देश
बैठक के दौरान न्यायमूर्ति ने निर्देशित किया कि कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेन्ट प्लांट के लिये गीडा एक माह के भीतर जमीन का अधिग्रहण कर इसे लगाने की प्रक्रिया शुरू करे। मगहर एवं खलीलाबाद नगर पंचायत प्रदूषण रोकने के उपाय अगर नहीं करती तो संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। जीडीए रामगढ़ताल एवं लेक व्यू को जलकुंभी से मुक्त कराकर वन विभाग के साथ पाकड़, पीपल, आम व गूलर जैसे पेड़ लगाए।
यह अधिकारी रहे मौजूद
निरीक्षण व बैठक के दौरान केंद्रीय नियंत्रण प्रदूषण बोर्ड से डॉक्टर डीके रस्तोगी, क्षेत्रीय अधिकारी घनश्याम, क्षेत्रीय अधिकारी बस्ती डॉ. एसपी सिंह, गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नगर आयुक्त, डीएफओ, जल निगम, जीडीए व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।