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Manish Gupta Murder Case: जेल में रातभर बेचैन रहा इंस्पेक्टर जेएन व अक्षय, सुबह लगाई झाड़ू

गोरखपुर जिला कारागार में रखे गए मनीष गुप्‍ता के हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेनए स‍िंह और दारोगा अक्षय मिश्रा पूरी बेचैन रहे। पूरी रात दोनों करवट बदलते रहे। आधी रात के बाद जेल में दाखिल होने की वजह से उन्हें खाना नहीं मिला।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 03:05 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 03:05 PM (IST)
Manish Gupta Murder Case: जेल में रातभर बेचैन रहा इंस्पेक्टर जेएन व अक्षय, सुबह लगाई झाड़ू
गोरखपुर ज‍िला कारागार ज‍िसमें मनीष गुप्‍ता के हत्‍यारोप‍िताेें को रखा गया है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिला कारागार के नेहरु बैरक में रखे गए हत्यारोपित इंस्पेक्टर जेनए स‍िंह और दारोगा अक्षय मिश्रा रविवार की पूरी बेचैन रहे। पूरी रात दोनों करवट बदलते रहे। आधी रात के बाद जेल में दाखिल होने की वजह से उन्हें खाना नहीं मिला। सुबह उठते ही इंस्पेक्टर ने अपनी बैरक में खुद झाड़ू लगाया। दोनों अपने साथ कुछ नहीं ले गए थे लिहाजा उन्हें जेल की तरफ से कंबल के साथ ही दांतून और मंजन दिया गया। सुरक्षा के लिहाज से दोनों की निगरानी में दो आदर्श कैदी (राइटर) को लगाया गया है।जो बैरक में उनके साथ रहेंगे।

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ऐसे कटी जेल की पहली रात

रविवार की रात में एक बजे इंस्पेक्टर जेएन स‍िंह और दारोगा अक्षय मिश्रा के जेल में दाखिल होते ही जेल प्रशासन ने डाक्टर की टीम बुलाकर उनका स्वास्थ्य प्रशिक्षण कराया। कोविड जांच के बाद कंबल देकर उन्हें मुख्य जेल से कुछ दूरी पर स्थित नेहरू बैरक में भेजा गया।जहां कुछ देर तक दोनों बैरक में गुमसुम बैठे रहे।एक घंटे बाद लेटे तो करवट बदलते रात बीती। सुबह उठते ही जेएन स‍िंह ने बैरक में झाड़ू लगाया। जेलर ने उन्हें दातुन व मंजन उपलब्ध कराया। दातुन करने के बाद दोनों ने सुबह चाय के साथ बंद और चना का नाश्ता लिया। दिन में करीब 11 बजे खाने में दाल-चावल और रोटी-सब्जी दी गई।

दोनों को देखने के लिए बंदी रहे परेशान

मनीष हत्याकांड के मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जेएन ङ्क्षसह और दारोगा अक्षय मिश्रा के जेल से दाखिल होने की खबर मिलते ही बंदी जेलर के साथ ही बंदी रक्षकों से उनके बारे में जानकारी लेने लगे।कुछ लोगों ने मिलने की भी इ'छा जताई लेकिन जेल प्रशासन ने अनुमति नहीं दी।

सुरक्षा को लेकर किए गए पुख्ता इंतजाम

नेहरू बैरक मुख्य बैरक से करीब 300 मीटर की दूरी पर है। जेल के अन्य बंदी वहां आसानी से नहीं पहुंच सकते हैं।इसी वजह से इंस्पेक्टर और दारोगा की निगरानी में आदर्श कैदी (राइटर) बैजनाथ मौर्या और मनोज की ड्यूटी लगाई गई है। नेहरू बैरक में पहले शातिर बदमाशों को रखा जाता था,लेकि‍ि‍न कुछ समय से प्रशासन से जुड़े बंदियो को रखा जाता है।

वीडियो कांफ्रेंस‍िंग से होगी पेशी

जेएन स‍िंह और अक्षय मिश्रा की सुरक्षा देखते हुए उन्हें रविवार की देर रात रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।पुलिस अधिकारी उन्हें सोमवार की सुबह कचहरी में मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के पक्ष में नहीं थे। आगे भी उनकी पेशी वीडियो कांफ्रेंस‍िंग ही कराई जाएगी।


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