Move to Jagran APP

इंसेफ्लाइटिस पर काबू पाने के लिए विश्व में कोई दवा नहीं

पूर्वाचल के जाने माने चिकित्सकों का दावा है कि इंसेफलाइटिस पर काबू पाने के लिए दुनिया में अभी तक कोई दवा बनी ही नहीं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 03:09 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 03:09 PM (IST)
इंसेफ्लाइटिस पर काबू पाने के लिए विश्व में कोई दवा नहीं
इंसेफ्लाइटिस पर काबू पाने के लिए विश्व में कोई दवा नहीं

गोरखपुर : आयुर्वेदिक स्वर्णप्राशन से इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण के दावे से पूर्वाचल के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ इत्तफाक नहीं रखते। उनका कहना कि पूरी दुनिया में इंसेफ्लाइटिस से बचाव या इलाज के लिए अब तक कोई दवा उपलब्ध नहीं है। उनका यह भी कहना है कि जब तक कोई भी दवा या तरीका शोध व ट्रायल के बाद पूरी तरह प्रमाणित नहीं हो जाता, कुछ भी कहना उचित नहीं है।

loksabha election banner

पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफ्लाइटिस उन्मूलन को लेकर लंबे समय से कार्य कर रहे वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. आरएन सिंह ने स्पष्ट शब्दों में राय जाहिर करते हुए आयुर्वेदिक स्वर्णप्राशन से इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण के दावे पर असहमति जताई। उन्होंने कहा कि दावा करने वालों ने कोई शोध करके इसे प्रमाणित नहीं किया है। जब तक गंभीर, स्तरीय शोध से प्रमाणित न हो जाए, किसी दवा, किसी भी पद्धति के बारे में दावा निराधार है।

डा. सिंह ने कहा कि जहां तक उनकी जानकारी है विश्व में इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण व इलाज के लिए अब तक कोई दवा उपलब्ध नहीं है। कोई भी चिकित्सा पद्धति चाहे वह एलोपैथ, आयुर्वेद, होम्योपैथ हो या यूनानी, शोध के परिणामों के साथ ही अपनी दावेदारी पेश करनी चाहिए।

वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ व इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक्स की गोरखपुर शाखा के पूर्व अध्यक्ष डा. ओएन श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बिना शोध या प्रमाण के स्वर्णप्राशन के जरिए इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण की बात करना उचित नहीं है। अभी तक सिर्फ जापानी इंसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए वैक्सीन बनी है, लेकिन इलाज के लिए कोई दवा पूरी दुनिया में नहीं है। अन्य तरह के इंसेफ्लाइटिस से बचाव का उपाय सिर्फ जागरूकता व साफ-सफाई ही है। इसीलिए सरकार भी इसी पर जोर दे रही है। वैसे भी इस साल इंसेफ्लाइटिस के मरीजों की तादाद आधे से कम हुई है। ऐसे में यह कहना कि ऐसा स्वर्णप्राशन से हुआ है तर्क संगत भी नहीं है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की गोरखपुर शाखा के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा.विश्व मोहन भाटिया ने इंसेफ्लाइटिस से बचाव को लेकर जागरूकता पर जोर है। इसका असर है कि लोग शुद्ध पेयजल के इस्तेमाल व साफ-सफाई को लेकर जागरूक हुए हैं। असर भी दिख रहा है। इस साल पूरे पूर्वाचल में मरीजों की संख्या घटी है। जहां तक स्वर्ण प्रशासन से सहजनवां के कुछ गांवों में इंसेफ्लाइटिस पर नियंत्रण के दावे की बात है तो यह पूरी तरह निराधार लगती है। बिना शोध या प्रमाण ऐसे किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है। हो सकता है कि दवा लेने से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी हो, लेकिन यह दावा कि इससे इंसेफ्लाइटिस पूरी तरह नियंत्रण में आ गया, उचित नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.