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58.92 करोड़ रुपये का रिटर्न आखिर कैसे दाखिल हुआ, मोबाइल व्यापारी पर कसेगा शिकंजा

गोरखपुर के गोला बाजार के मोबाइल व्यापारी पर आयकर रिटर्न भरने का घपला विभाग ने पकड़ लिया है। अब कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 02:30 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 02:30 PM (IST)
58.92 करोड़ रुपये का रिटर्न आखिर कैसे दाखिल हुआ, मोबाइल व्यापारी पर कसेगा शिकंजा
58.92 करोड़ रुपये का रिटर्न आखिर कैसे दाखिल हुआ, मोबाइल व्यापारी पर कसेगा शिकंजा

गोरखपुर, जेएनएन। गोला बाजार के मोबाइल व्यापारी पर वाणिज्य कर विभाग शिकंजा कसेगा। आइडी, पासवर्ड और मोबाइल नंबर हैक होने की व्यापारी की दलील को अफसरों ने सिरे से खारिज कर दिया है। अफसरों का कहना है कि बिना पासवर्ड और मोबाइल पर आई ओटीपी को फीड किए न तो ई-वे बिल जेनरेट होगा और न ही रिटर्न दाखिल होगा। सभी गोपनीय जानकारी व्यापारी के पास होती है। इसलिए विभाग व्यापारी को नोटिस देगा। व्यापारी पता लगाए कि उसने किसे अपनी गोपनीय जानकारी दी थी।

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गोला बाजार के डीह स्थान निवासी आशीष कुमार जायसवाल की गोला बाजार कस्बे के चिकनिया में जायसवाल ट्रेडर्स के नाम से मोबाइल की दुकान है। फर्म की ओर से 58.92 करोड़ रुपये का रिटर्न दाखिल होने की जानकारी के बाद एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू बीएन द्विवेदी ने जांच के लिए टीम गठित की थी। टीम को व्यापारी ने बताया कि उसकी गोपनीय जानकारी हैक कर रिटर्न फाइल किया गया है। उसने पहले ही इसकी जानकारी अफसरों को दे दी थी।

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू बीएन द्विवेदी ने बताया कि बुधवार को डिप्टी कमिश्नर खंड-2 आशीष पाडेय, असिस्टेंट कमिश्नर सूर्य प्रकाश, वाणिज्य कर अधिकारी खंड चार आलोक यादव और खंड छह रूपेश मिश्र गोला बाजार पहुंचे। मौके पर 148 मोबाइल सेट और उपकरण मिले। दुकानदार ने बीते वित्तीय वर्ष 2017-18 में 58.92 करोड़ रुपये का रिटर्न दाखिल किया लेकिन 2018-19 में थ्री बी पर 2.25 करोड़ रुपये की बिक्री दिखाई। टीम ने कुछ पर्चे व एक रजिस्टर कब्जे में लिया है।

आशीष कुमार जायसवाल ने टीम को बताया कि मंजू इंटरप्राइजेज और महाराजा ट्रेडर्स ने जायसवाल ट्रेडर्स के नाम से खरीदारी की और बाद में ई वे बिल के जरिये दिल्ली में माल बेच दिया।

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू बीएन द्विवेदी ने कहा कि फर्म का रजिस्ट्रेशन सेंट्रल एक्साइज में है। जाच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कहा कि व्यापारी अपना ईमेल आइडी, मोबाइल नंबर, जीएसटी नंबर और उसका पासवर्ड संभालकर रखें। खुद जीएसटी रिटर्न भरने की कोशिश करें। दूसरे से रिटर्न भरवाना भी खतरनाक है। गोपनीय दस्तावेज या पासवर्ड बाहर गया तो भी नुकसान हो सकता है।

इधर, आशीष कुमार जायसवाल का कहना है कि उसके जीएसटीएन आइडी व पासवर्ड को हैक कर खरीद-बिक्री दिखाई गई है। एक माह पूर्व टैक्स जमा करने वकील के पास गया था तब विभाग की साइट नहीं खुल रही थी। पता चला कि आइडी व पासवर्ड से खरीद बिक्री की गई है। मोबाइल नंबर भी बदल दिए जाने के कारण इसकी जानकारी नहीं हो सकी।


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