गोरखपुर में बहराइच से लाए गए घायल तेंदुए की मौत, ग्रामीणों ने किया था हमला Gorakhpur News
ग्रामीणों ने तेंदुए को घेर कर धारदार हथियार से घायल कर दिया। इस दौरान उसका एक दांत टूटकर अंदर चला गया। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के निर्देश पर घायल तेंदुए को दूसरे दिन आठ अप्रैल को उपचार के लिए गोरखपुर चिडिय़ाघर लाया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। बहराइच वन प्रभाग से उपचार के लिए शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिडिय़ाघर) लाए गए तेंदुए की सोमवार दोपहर बाद मौत हो गई। आबादी में घुसने की वजह से ग्रामीणों ने उस पर हमला कर दिया था। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। चिडिय़ाघर के निदेशक डा. एच राजामोहन ने बताया कि ग्रामीणों के हमले में तेंदुए का एक दांत टूटकर उसके फेफड़े में फंस गया था इसके अलावा फेफड़े में गेहूं की बाली भी फंसी मिली है। जिसकी वजह से फेफड़े में इंफेक्शन फैल जाने से उसकी मौत हुई है।
सात अप्रैल को आबादी वाले इलाके में पहुंचा था तेंदुआ
बहराइच वन प्रभाग के नानपारा रेंज में सात अप्रैल को मादा तेंदुआ जंगल से भटक कर आबादी वाले इलाके में आ गया था। खेत में काम कर रहे कई ग्रामीणों पर उसने हमला कर दिया था। बाद में ग्रामीणों ने तेंदुए को घेर कर धारदार हथियार से घायल कर दिया। इस दौरान उसका एक दांत टूटकर अंदर चला गया। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के निर्देश पर घायल तेंदुए को दूसरे दिन आठ अप्रैल को उपचार के लिए गोरखपुर चिडिय़ाघर लाया गया।
तेंदुए का फट गया था जबड़ा
चिडिय़ाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप की देखरेख में उसका उपचार चल रहा था। ग्रामीणों के हमले में तेंदुए का जबड़ा फट गया था। जिसका आपरेशन कर टांके लगाए गए थे।
सघन उपचार के बाद भी तेंदुआ कुछ खा नहीं रहा था। पहले ही दिन से उसे लिक्विड डाइट दिया जा रहा था। रविवार से ही उसने लिक्विड डाइट भी लेना बंद कर दिया था। सोमवार को उसने दम तोड़ दिया। चिडिय़ाघर परिसर में ही बने पशु अस्पताल में डा. योगेश के नेतृत्व में पशु चिकित्सकों की टीम ने तेंदुए का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक तेंदुए के फेफड़े में काफी इंफेक्शन फैल गया था। जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है।