सभी के लिए आवश्यक है सूचना एवं संचार तकनीकी Gorakhpur News
ऋग्वेद के आलोक में बताया कि सूचना एवं संचार तंत्र का प्रत्यक्ष और प्रामाणिक उदाहरण हमें यहां प्राचीनकाल से ही प्राप्त होता है।
गोरखपुर, जेएनएन। सूचना एवं संचार तकनीकी विषय सभी के लिए आवश्यक है। सभी विषयों ने वर्तमान में इसको आत्मसात किया है। वर्ष 1968 में 20वीं सदी के दर्शनशास्त्री डोमिनिक क्लार्क ने इंफार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी को परिभाषित करते हुए कहा कि संस्कृतियां एक सूचना तंत्र हैं कल्चर इज ऐन इंफार्मेशन सिस्टम। ऋग्वेद के आलोक में बताया कि सूचना एवं संचार तंत्र का प्रत्यक्ष और प्रामाणिक उदाहरण हमें यहां प्राचीनकाल से ही प्राप्त होता है।
यह बातें उत्तर प्रदेश उच्चतर सेवा आयोग प्रयागराज के अध्यक्ष प्रो.ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने कही। वह यहां डीडीयू यूजीसी-ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर के तत्वावधान में इंफार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलाजी विषय पर पांचवें पुनश्चर्या कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार हमारी परंपरा यह कहती है कि हम जितना ही पीछे की तरफ जाएंगे हमारा स्वर्णिम युग है।
यह आत्मसात होने का अवसर
निदेशक प्रो.हिमांशु पांडेय ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इस पुनश्चर्या कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए सूचना एवं संचार तकनीकी में आई क्रांति एवं वर्तमान में उसका उपयोग से आत्मसात होने का अवसर मिलेगा।
रोजगार के अनेक अवसर
राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो.एकेडी द्विवेदी ने बतौर विशिष्ट अतिथि ने इस विषय से संबंधित सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से सबको अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सूचना एवं संचार तकनीकि की क्रांति के कारण इस क्षेत्र में युवाओं को अनेक प्रकार के रोजगार परक अवसर उपलब्ध हैं।
गुजर रहे परिवर्तनशील युग से
प्रति कुलपति प्रो.हरीशरण ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि हम एक परिवर्तनशील युग से गुजर रहे हैं। निदेशक एवं समन्वयक द्वारा चुना गया सूचना एवं संचार तकनीकि विषय एक समसामयिक विषय है। संचालन करते हुए प्रो.राकेश कुमार तिवारी ने पांचवें पुनश्चर्या कार्यक्रम सूचना एवं संचार तकनीकि के महत्व पर प्रकाश डाला।
अंत में डा.रजनीश कुमार शुक्ल, सहायक आचार्य, गणित विभाग, वीर बहादुर सिंह राजकीय महाविद्यालय, कैंपियरगंज, ने उपस्थित अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। पुनश्चर्या कार्यक्रम में उप्र, उत्तराखंड, महाराष्ट्र एवं असम के शिक्षक प्रतिभागी मौजूद रहे।