कोहरे ने रोक दी ट्रेनों की रफ्तार, दस घंटे तक की देरी से चली रहीं एक्सप्रेस ट्रेनें
नई दिल्ली से सहरसा जा रही वैशाली एक्सप्रेस 2.45 घंटे की देरी से गोरखपुर पहुंची। जानकारों का कहना है कि ट्रेनों की लेटलतीफी अभी और बढ़ेगी। हालांकि रेलवे प्रशासन ने खराब मौसम में सतर्कता बतरतते हुए पहले ही 191 में से 40 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद कर दिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। हाड़ कंपाती ठंड में कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर धीरे-धीरे ब्रेक लगाना शुरू कर दिया है। गोरखपुर-अहमदाबाद एक्सप्रेस पिछले सप्ताह से ही लेट हो रही है। पिछले शुक्रवार को करीब दस घंटे की देरी से रात की जगह सुबह रवाना हुई। मंगलवार को भी यह ट्रेन ढाई घंटे लेट हुई। रात के समय रवाना होने वाली इस ट्रेन के यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खुले रेलवे स्टेशन पर रात काटनी भारी पड़ रही है। बुजुर्ग और बच्चों की परेशानी बढ़ गई है।
वैशाली एक्सप्रेस भी ढाई घंटे लेट, ट्रेनों के इंतजार में बढ़ती जा रही परेशानी
नई दिल्ली से सहरसा जा रही 12554 वैशाली एक्सप्रेस भी 2.45 घंटे की देरी से गोरखपुर पहुंची। जानकारों का कहना है कि ट्रेनों की लेटलतीफी अभी और बढ़ेगी। हालांकि, रेलवे प्रशासन ने खराब मौसम में सतर्कता बतरतते हुए पहले ही 191 में से 40 एक्सप्रेस ट्रेनों को रद कर दिया है। यह सभी ट्रेनें फरवरी तक नहीं चलेंगे। इसके बाद भी ट्रेनों का विलंबन जारी है। इसको लेकर आम यात्री ही नहीं रेलवे प्रशासन भी बैकफुट पर है। कोविड काल में एक तो रेलवे को यात्री नहीं मिल रहे, ऊपर से ट्रेनों की लेटलतीफी कोढ़ में खाज का काम कर रही है। गोरखपुर से बनकर चलने वाली ट्रेनों का समय पालन 95 से घंटकर 90 प्रतिशत पर आ गया है।
रेलवे स्टेशन छाने लगी उदासी, कम हो गए यात्री
एक तो कोविड संक्रमण और ऊपर से ठंड ने लोगों के उत्साह को ही ठंडा कर दिया है। यात्रा स्थगित होने से यात्रियों की संख्या कम होने लगी है। दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनें खाली चलने लगी हैं। रेलवे स्टेशन पर उदासी छाने लगी है। गोरखपुर में प्रतिदिन आवागमन करने वाले यात्रियों की संख्या 25 हजार के आसपास पहुंच गई है। त्योहारों में यह संख्या 80 हजार से अधिक हो गई थीं। कोरोना से पहले सामान्य दिनों में डेढ़ लाख लोग आवागमन करते थे।