गोरखपुर के वनटांगिया गांवों में अगरबत्ती बनाने का लगेगा कारखाना, तैयारी पूरी Gorakhpur News
शुरुआती चरण में अगरबत्ती को गोरखपुर व अन्य स्थानीय बाजारों में उतारा जाएगा। इसके बाद दूसरे क्षेत्रों में भेजा जाएगा। इसकी शुरूआत के बाद महिलाओं व युवतियों को रोजगार मिलेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त हो चुके वनटांगिया गांव में अब रोजगार की भी बयार बहेगी। पहला प्रयास वनटांगिया अगरबत्ती प्रोजेक्ट के रूप में वन विभाग ने किया है। इस उद्योग की शुरूआत के बाद गांवों की महिलाओं व युवतियों को रोजगार से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध किया जाएगा।
वन विभाग का यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए प्रयोग पर आधारित है। वहां महिलाओं का समूह बनाकर उन्हें अगरबत्ती बनाने की मशीन दी गई थी। आज सैकड़ों परिवारों की आजीविका इसी उद्योग से चल रही है।
20 मशीनों से होगी शुरूआत
गोरखपुर के तिकोनिया नंबर तीन, जंगल रामगढ़ उर्फ रजही खाले टोला, चिलबिलवा, आमबाग, रामगढ़ सरकार, आजादनगर आदि वनटांगिया गांव में इसकी शुरुआत के लिए डीएफओ ने 13 नवंबर को प्रधान मुख्य वन संरक्षक से मुलाकात की थी। वहां से प्रस्ताव तैयार करने की अनुमति मिल गई है। परियोजना की शुरुआत में करीब 20 लाख रुपये का खर्च आएगा। कुल 20 मशीनें लगाई जाएंगी।
ऐसे होगा काम
प्रस्ताव मंजूर हुआ तो शुरुआती चरण में अगरबत्ती निर्माण की 20 मशीनें लगाई जाएंगी। बांस स्टिक महिलाएं तैयार करेंगी। स्टिक पर चारकोल चिपकाने के बाद उस पर सेंट लगाकर अगरबत्ती तैयार की जाएगी। महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट में चार से पांच हजार परिवारों को लाभ मिलेगा। वन विभाग अगरबत्ती कंपनी की तलाश में है। यही कंपनी अगरबत्ती को मार्केट में उतारेगी।
महिलाओं को मिलेगा काम
इस संबंध में डीएफओ अविनाश कुमार का कहना है कि पुरुष तो बाहर जाकर काम कर लेते हैं। महिलाओं को काम मिला तो परिवार दोगुनी रफ्तार से समृद्ध होगा। शुरुआती चरण में अगरबत्ती को गोरखपुर व अन्य स्थानीय बाजारों में उतारा जाएगा। इसके बाद दूसरे क्षेत्रों में भेजा जाएगा।