शराब जाती तो इसी रास्ते, बरामद हो रही बिहार में, जानें-दो माह में क्यों नहीं बरामद हुई शराब Gorakhpur News
अब सवाल उठ रहा है कि तरयासुजान पटहेरवा कसया व हाटा में शराब तस्करी बंद हो गई तो प्रति दिन उसपार शराब कैसे बरामद हो रही है। यह पुलिस की मिलीभगत है या मुखबिर तंत्र को फेल माना जाए
गोरखपुर, जेएनएन। बिहार बार्डर से सटे कुशीनगर जिले के तमकुही सर्किल के थानों से अचानक शराब बरामदगी बंद होने से विभाग के उच्चाधिकारी अपने अभियान की सफलता मान रहे हैं, लेकिन उनके इस दावे की पोल बल्थरी चेक पोस्ट (बिहार) पर शराब के बड़ी खेप की बरामदगी से खुल रही है। क्योंकि बिना तमकुही बार्डर पार किए शराब लदे कंटेनर या ट्रक बल्थरी तक जा ही नहीं सकते है।
शराब बरामद न करने के पीछे का राज
शराब बरामदगी न होने के पीछे दूसरे खेल की चर्चा आम है। बीते 13 अगस्त को तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक का स्थानांतरण गैर जनपद के लिए कर दिया गया था। आरोप लगा कि वे शराब तस्करी पर प्रभावी अंकुश लगाने में नाकामयाब रहे है। इसके तीन दिन बाद तत्कालीन एसपी राजीव नारायण मिश्र का तबादला भी तबादला हो गया। मजे की बात यह है कि सर्किल के एक साहब तो जब-तब सार्वजनिक रूप से यह कहते सुने जा रहे थे कि उनके हाथ बंधे हैं, नही तो चुटकी में शराब तस्करी को बंद कर देते। अब तो उनके दोनों हाथ खुले है। लेकिन 13 अगस्त के बाद शराब बरामदगी उनके या मातहतों द्वारा नहीं किया गया। हालांकि इस दौरान बल्थरी चेकपोस्ट से करीब 18 करोड़ रुपये मूल्य के ऊपर की शराब बरामद होने के पुख्ता प्रमाण है। अब सवाल उठ रहा है कि तरयासुजान, पटहेरवा, कसया व हाटा में शराब तस्करी बंद हो गई, तो प्रति दिन चेकपोस्ट पर शराब बरामदगी कैसे हो रही है। इसे सर्किज की पुलिस की मिलीभगत मानी जाए या मुखबिर तंत्र को फेल माना जाए।
संलिप्ता मिलने पर होगी कार्रवाई
एसपी विनोद कुमार मिश्र का कहना है कि ऐसी बात नही है, बीते 13 अगस्त के बाद हाटा व तरयासुजान पुलिस ने भी शराब की बरामदगी की थी, लेकिन यह बरामदगी बड़ी नहीं थी। बल्थरी चेकपोस्ट पर शराब की बरामदगी हो रही है, तो वहां शराब से लदे वाहन किधर से जा रहे हैं। इसकी जांच कराई जाएगी। अगर किसी की संलिप्तता पायी गई तो कड़ी कार्रवाई होगी।