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बीस दिन में 9.87 फीसद ही हुई गेहूं की खरीद, 19 केंद्रों पर शुरू ही नहीं हुई खरीदारी

गोरखपुर : पहली अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद जिम्मेदारों की लापरवाही से परवान नहीं

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 03:55 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 03:55 PM (IST)
बीस दिन में 9.87 फीसद ही हुई गेहूं की खरीद, 
19 केंद्रों पर शुरू ही नहीं हुई खरीदारी
बीस दिन में 9.87 फीसद ही हुई गेहूं की खरीद, 19 केंद्रों पर शुरू ही नहीं हुई खरीदारी

गोरखपुर : पहली अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद जिम्मेदारों की लापरवाही से परवान नहीं चढ़ पा रही है। कुशीनगर जनपद में बीस दिन बीतने के बाद भी अभी 19 क्रय केंद्रों पर एजेंसियों द्वारा खरीद शुरू नहीं की गई। जबकि 72 केंद्रों पर लक्ष्य के सापेक्ष महज 9.87 फीसद ही खरीद हो पाई है। इतना ही नहीं नेफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन सहकारी संघ) के दोनों एजेंसियों पर खरीद की स्थिति शून्य है। प्रशासनिक स्तर पर सारी तैयारियां पूरी होने के बाद भी खरीद की हालत खस्ताहाल है। नगरीय क्षेत्र को छोड़ दिया जाए, तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय केंद्रों पर बैनर लगा मिल रहा है, लेकिन केंद्र प्रभारी गायब मिल रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि शासन की सख्ती के बाद भी जिम्मेदार अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। विभाग अपनी मनमानी छुपाने के लिए अभी तक गेहूं खेत में खड़े होने की बात कह रहा है। खरीद को लेकर न विभाग गंभीर दिख रहा है और न ही केंद्र प्रभारी। अभी तक 575X.45 एमटी गेहूं की खरीद हुई। जिसके सापेक्ष 1007.47 लाख रुपये का भुगतान 1264 कृषकों में किया गया। गेहूं की खरीद पहली अप्रैल से शुरू है, जो 15 जून तक होनी है।

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यह है तैयारी : वित्तीय वर्ष 2018-19 में गेहूं खरीद के लिए कुल 91 क्रय केंद्र बनाए गए हैं, तो शासन स्तर पर 58500 एमटी का लक्ष्य भी निर्धारित है। केंद्रों से किसानों को प्रति क्विंटल 17X5 रुपये समर्थन मूल्य से भुगतान मिलना है। सुबह नौ बजे से शाम पांच तक क्रय केंद्र खुले रहेंगे। क्रय केंद्रों के निरीक्षण के लिए टीम बनाई गई है, जो कमी पाए जाने पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जनपद में खरीद के लिए पांच लाख बोरे का इंतजाम किया गया है।

नहीं दिख रही सुविधाएं : सभी क्रय केंद्रों पर किसानों के लिए पानी, कुर्सी तथा हाथ वाला पंखा उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, लेकिन कहीं भी क्रय पर यह सुविधा नहीं दिख रहा है। गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए तिरपाल की व्यवस्था भी नहीं की है।

उतराई व चढ़ाई का भुगतान करेंगे किसान : विभाग की मानें तो केंद्र पर गेहूं उतारने व चढ़ाने वाले मजदूरों को प्रति ¨क्वटल के हिसाब से 10 रुपये का भुगतान किसानों को करना होगा, जो गेहूं के मूल्य के साथ फिर किसानों के खाते में क्रय केंद्र प्रभारी भेजेंगे।

यह हैं क्रय केंद्र

- विपणन शाखा-14

- पीसीएफ-52

- पीसीयू-10

- एनसीसीएस-छह

- कर्मचारी कल्याण निगम-तीन

- यूपी एग्रो-एक

- भारतीय खाद्य निगम-दो

- नेफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन सहकारी संघ)- दो क्रय केंद्रों पर मिली खामी, दुरुस्त कराने का निर्देश

डिप्टी आरएमओ निश्चल आनन्द ने स्वीकार किया कि अभी 19 क्रय केंद्रों पर खरीद नहीं शुरू हुई है। इसके लिए केंद्र प्रभारियों को जरूरी निर्देश दिया गया है। बताया कि हाटा व कप्तानगंज के क्रय केंद्रों के निरीक्षण में मिली खामी को तत्काल दुरुस्त कराने का निर्देश दिया गया है। प्रभारियों को बताया गया है कि क्रय केंद्रों पर आने वाले किसानों की रजिस्टर में इंट्री उनके मोबाइल पर लगातार संपर्क में रहें, ताकि गेहूं कटने पर तत्काल खरीद सुनिश्चित किया जा सके। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। भ्रमण के दौरान क्षेत्रीय विपणन अधिकारी कमलेश शाही ने कहा कि किसानों को केंद्र पर सुविधाएं मुहैया कराया जाए।


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