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मोरारी बापू ने कहा- नाथ संप्रदाय ने की है मोहम्मद की चर्चा, श्रोताओं ने किया सवाल Gorakhpur News

संत मोरारी बापू की रामकथा में श्रोताओं ने सवाल भी किया। उन्‍होंने सभी को संतोषजनक उत्‍तर दिया। कुछ सवाल धार्मिक तो कुछ राजनीतिक और कुछ सवाल पारिवारिक थे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 09:00 AM (IST)
मोरारी बापू ने कहा- नाथ संप्रदाय ने की है मोहम्मद की चर्चा, श्रोताओं ने किया सवाल Gorakhpur News
मोरारी बापू ने कहा- नाथ संप्रदाय ने की है मोहम्मद की चर्चा, श्रोताओं ने किया सवाल Gorakhpur News

मोरारी बापू ने कहा- नाथ संप्रदाय ने की है मोहम्मद की चर्चा, श्रोताओं ने किया सवाल Gorakhpur News

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गोरखपुर, जेएनएन। प्रख्‍यात संत मोरारी बापू ने कहा कि नाथ संप्रदाय ने मोहम्मद की चर्चा की है। गोरखनाथ ने कहा कि पैगंबर के विचार रहस्यपूर्ण हैं। उस विचार को पकड़ो। मोहम्मद की छड़ी लोहे की नहीं पवित्रता की है। वह तेरे हृदय में परमात्मा को बैठा देंगे। वह यहां चंपा देवी पार्क में सोमवार को व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा सुना रहे थे। श्रीराम कथा 'मानस जोगी ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में गोरखनाथ मंदिर व श्रीराम कथा प्रेम यज्ञ समिति के तत्वावधान में आयोजित है।

मानस का दर्शन करने से रोग मिट जाएगा

कोई भी रोग हो, मानस का प्रतिदिन दर्शन करो, वह मिट जाएगा। पढ़ो और गाओ तो और अच्छा। न पढ़ पाओ तो दर्शन प्रतिदिन जरूर कर लो।

श्रोताओं के सवाल और बापू के जवाब

सवाल- संत व भगवान की कृपा में क्या अंतर है?

जवाब- भगवान निरंतर कृपा करते हैं, संत कृपा करते हैं तब भगवत कृपा पचती है।

सवाल- अनुभव व अनुभूति क्या एक ही है?

जवाब- अनुभव सबका अलग-अलग होता है अनुभूति सबकी एक ही होती है।

सवाल- गोरखपुर में इतने दिन बाद आपकी कथा क्यों हुई?

जवाब- सॉरी

सवाल- आप भगवा वस्त्र क्यों नहीं पहनते?

जवाब- सब भगवा पहन लेंगे, कथा किसके सामने करूंगा।

सवाल- दिल्ली से आए तो थक क्यों गए?

जवाब- वह दिल्ली की थकान थी, व्यास पीठ ही मेरा विश्राम है।

सवाल- देश का भविष्य कैसा नजर आ रहा है?

जवाब- पूरा देश जानता है, भविष्य अच्छा है।

सवाल- व्यास पीठ व राज पीठ दोनों गुजरात के कब्जे में क्यों हैं?

जवाब- मेरा क्या कसूर, जमाने का कसूर है।

सवाल- सतुआ बाबा को मंत्रिमंडल में क्यों नहीं शामिल किया गया।

जवाब- अभी उन्हें चुनाव लडऩे दो।

सवाल- भक्ति के मिलने की क्या पहचान है?

जवाब- गदगद गिरा, नयन बह नीरा।

सवाल- आपके दिल को किसी ने तोड़ा है?

जवाब- क्यों मुझे उकसाते हो, शांति से बैठो। तुम्हारा कोई हृदय तोड़ दे तो कथा सुनने मेरे पास आ जाना। सबके दिल में परमात्मा बैठे हैं, किसका दिल कौन तोड़ सकता है।

सवाल- आप चंद्रयान पर यात्रा करना चाहेंगे?

जवाब- अभी विक्रम क्या कर रहा है, उसका मैसेज तो आने दो।

सवाल- आप रिटायरमेंट के बारे में क्यों नहीं सोचते?

जवाब- मैंने आपका बिगाड़ा क्या है?

सवाल- आपका कलेजा कितने इंच का है?

जवाब- मैंने नापा नहीं।

सवाल- मेरा मकान नंबर 370 है और पड़ोसी का 420, मुझे मार्ग दिखाओ।

जवाब- आपके दिल में कोई दर्द हो तो सतुआ बाबा को बता देना, काफी दिलदार बाबा हैं।

सवाल- डीडीयू में मेरा दाखिला हो गया है लेकिन पढऩे में मन नहीं लगता?

जवाब- रामायण, मानस पढ़ो। 


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