Lockdown में जरूरतमंदों के लिए मसीहा बने डाकिये, घर पहुंचाई सहायता राशि Gorakhpur News
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने लॉकडाउन में एक रिकार्ड कायम कर दिया है। डाकियों के जरिये बैंक ने छह करोड़ 13 लाख रुपये जरूरतमंदों तक पहुंचाए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। दो महीने पहले तक खाताधारकों को जोडऩे की जिद्दोजहद कर रहे डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने लॉकडाउन में एक रिकार्ड कायम कर दिया है। संकट की इस घड़ी में डाकियों के जरिये यह बैंक गोरखपुर जिले के 38 हजार 586 लोगों तक पहुंच चुका है और उन्हें सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली सहायता राशि उपलब्ध करा चुका है। इस क्रम में बैंक ने छह करोड़ 13 लाख रुपये जरूरतमंदों तक पहुंचाए हैं।
इस उपलब्धि का आकलन लॉकडाउन से पहले के आंकड़ों को सामने रखकर किया जा सकता है। फरवरी-2020 में यह बैंक डाकियों के माध्यम से महज 794 लोगों तक पहुंच सका था। मार्च में लॉकडाउन से पहले यानी एक से 22 मार्च के बीच लोगों का आंकड़ा 684 अंक पार नहीं कर सका था। अगर ग्राहकों को भुगतान की धनराशि की बात करें तो फरवरी में यह 30 लाख थी, जबकि मार्च में 22 तारीख तक महज 26 लाख। प्रवर अधीक्षक डाक एसएन दुबे ने बताया कि हर लाभार्थी को सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि पहुंचाने का सिलसिला अभियान के तौर पर जारी है।
प्रदेश सरकार की पहल से बढ़े बैंक के हाथ
लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से वृद्धा पेंशन, मनरेगा, महिलाओं के जनधन खातों में सहायता राशि भेजी गई। चूंकि बैंक तक पहुंचना संभव नहीं था, इसलिए जरूरतमंदों तक धनराशि की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने सहायता राशि के भुगतान को लेकर डॉक विभाग के बड़े नेटवर्क के इस्तेमाल का फैसला किया। सरकार की पहल पर जिला प्रशासन और डॉक विभाग के अफसरों की बैठक हुई और लोगों के घर-घर जाकर सहायता राशि की निकासी कराने का जिम्मा इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक को सौंपा गया। इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना सुरक्षित धन निकासी कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दी गई। उसके बाद मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से डाकियों द्वारा जरूरतमंदों तक सहायता राशि पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ।
एक दिन में 6000 लोगों तक पहुंचे डाकिये
ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्द से जल्द सहायता राशि का भुगतान हो सके। इसके लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक ने 11 मई को एक बड़ा अभियान चलाया। नतीजतन एक ही दिन में डाकिये जिले के 6000 लोगों तक पहुंचे और उन्हें 59 लाख रुपये की सहायता राशि का भुगतान किया।