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देवरिया में टैक्टर-ट्राली पर धान के बोरे लाद कर सड़क पर उतरे भाकियू कार्यकर्ता

धान खरीद व बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर 28 दिसंबर को भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता टैक्टर- ट्राली पर धान के बोरे लादकर सड़क पर उतर गए। सिविल लाइंस रोड पर चार दर्जन से अधिक ट्रैक्टर- ट्रालियों की कतार देखकर जिला प्रशासन में खलबली मच गई।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 07:50 AM (IST)
देवरिया में टैक्टर-ट्राली पर धान के बोरे लाद कर सड़क पर उतरे भाकियू कार्यकर्ता
देवरिया में टैक्टर-ट्राली पर धान के बोरे लाद कर सड़क पर उतरे भाकियू कार्यकर्ता। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। धान खरीद व बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर 28 दिसंबर को भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ता टैक्टर- ट्राली पर धान के बोरे लादकर सड़क पर उतर गए। सिविल लाइंस रोड पर चार दर्जन से अधिक ट्रैक्टर- ट्रालियों की कतार देखकर जिला प्रशासन में खलबली मच गई।

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45 ट्रैक्‍टर-ट्राली लेकर कलेक्‍ट्रेट पहुंचे किसान

किसान जिलाधिकारी आवास के सामने 45 ट्रैक्टर ट्राली व कुछ ट्रैक्टर दूसरे रोड पर खड़ा कर सुभाष चौक पर प्रदर्शन करने लगे। धरना स्थल पर पहुंचे एसडीएम सौरभ सिंह, सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी सहित अन्य अफसरों ने भाकियू नेताओं को मनाने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं बनी। उसके बाद सभी अधिकारी सदर तहसील चले गए। कुछ देर बाद जिला प्रशासन की तरफ से भाकियू नेताओं के प्रतिनिधि मंडल को सदर तहसील में बुलाया गया। वहां जिलाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप शाही के नेतृत्व में पहुंचे किसान नेताओं व अफसरों के बीच वार्ता हुई। लेकिन बात नहीं बनी।

असफल हुई वार्ता तो दोबारा धरने पर लौटे भाकियू कार्यकर्ता

उसके बाद भाकियू नेता धरना स्थल पर लौट आए। करीब पांच घंटे बीतने के बाद पुन: अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह सुबाष चौक पर धरना दे रहे भाकियू कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे। यहां धान खरीद सहित सभी मांगों के समाधान का आश्वासन दिया। उसके बाद धरना समाप्त किया गया। किसान ट्रैक्टर ट्राली के साथ धान लेकर क्रय केंद्रों के लिए रवाना हो गए।

137 की बजाय 14-15 क्रय केंद्रों पर हो रही खरीद

किसानों नेताओं का कहना था कि धान खरीद के लिए जिले में 137 क्रय केंद्र खोले गए हैं, लेकिन खरीद 14 से 15 क्रय केंद्रों पर हो रही है। हर दिन किसान क्रय केंद्र पर जा रहे हैं और बैरंग लौट रहे हैं। परेशान होकर किसान औने-पौने दाम पर अपना धान बेच रहा है। गन्ना किसानों का 18 करोड़ रुपये बकाया है, इसका भुगतान तक नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों से शिकायत के बाद भी गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। राउतपार केंद्र की जांच में जो गड़बड़ी पाई गई है, उस मामले में अभी तक मुकदमे की कार्रवाई नहीं हुई है।

लेखपालों के उत्‍पीड़न करने का भी उठा मामला

तहसीलों पर लेखपाल द्वारा क्षतिपूर्ति के नाम पर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। सिंचाई का समय चल रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में दिन की बिजली गुल रह रही है। इस दौरान विनय सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डा.कृष्णा जायसवाल, सतीश, अनूप सिंह, राजेश सिंह, विनोद गुप्ता, सतीश चंद ओझा, सदानंद यादव, चंद्रदेव सिंह, श्रीकांत सिंह, अशोक सिंह समेत अन्य किसान नेता मौजूद रहे।


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