अवैध वाहन स्टैंडों से फिर भरी जाने लगीं सवारियां, गोरखपुर में नहीं दिखा पुलिस सख्ती का असर
illegal vehicle stand in gorakhpur पुलिस की सख्ती का गोरखपुर के अवैध वाहन चालकों पर नहीं पड़ रहा है। गोरखपुर में अब भी पूर्व की ही तरह अवैध वाहन स्टैंड धड़ल्ले से चल रहे हैं। सड़कों पर वाहन रोककर सवारी भरने का क्रम अब भी जारी है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शहर के अवैध स्टैंडों पर पुलिस की सख्ती का असर सिर्फ दस दिनों तक ही दिखा। अवैध स्टैंड धीरे-धीरे कर फिर से अपने पुराने ढर्रे पर लौट रहे हैं। पैडलेगंज से प्राइवेट बस चालक फिर से सवारी भरने लगे हैं। पुलिस ऐसे ही छूट देती रही तो पैडलेगंज का यह अवैध स्टैंड फिर से जाम का बड़ा कारण बनेगा। यह स्थिति सिर्फ पैडलेगंज बस स्टैंड की ही नहीं है, बल्कि रेलवे स्टेशन रोड की भी है। छात्रसंघ चौराहे की स्थिति तो और भी बुरी है। प्राइवेट बस चालक अब वहां से आगे बढ़कर कचहरी बस स्टेशन के सामने से सवारी भरने लगे हैं।
आए दिन लगता है जाम
गोरखपुर के प्रमुख चौराहों पर अवैध वाहन स्टैंड संचालित हो रहा है। इससे आये-दिन जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। परिवहन माफियाओं के आगे अधिकारियों का आदेश बेअसर साबित हो रहा है। हालांकि दस दिन पूर्व पुलिस व प्रशासन ने इसे लेकर संयुक्त रूप से अभियान चलाकर पैडलेगंज, रेलवे बस स्टेशन, यूनिवर्सिटी चौराहा, छात्रसंघ चौराहा, धर्मशाला, शास्त्री चौक से अवैध वाहन स्टैंड को हटवाया था, लेकिन अधिकारी जैसे ही सुस्त हुए अवैध स्टैंड से फिर से सवारियां भरी जाने लगी हैं।|
बसों में ठूंस-ठूंस कर भरी जा रहीं सवारी
पैडलेगंज में पुलिस चौकी के पास से ही प्राइवेट बस चालक सवारी भर रहे हैं। कचहरी बस स्टेशन के सामने से निजी बस चालक ठूंस-ठूंसकर सवारियां भरी जाती हैं। गोरखपुर रेलवे बस स्टेशन के सामने कार्मल रोड पर सड़क के दोनों किनारों पर निजी वाहनों का कब्जा रहता है। विश्वविद्यालय से मोहद्दीपुर रोड पर नगर निगम ने वाहन स्टैंड बनाया है, लेकिन सभी वाहन सड़क पर खड़े होते हैं। इतना ही नहीं इसके चलते गोरखपुर के मोहद्दीपुर चौराहे पर आये-दिन जाम की समस्या रहती है।
बिहार के लिए रोजाना चलती हैं 50 से अधिक बसें
जानकारों की मानें तो अवैध वाहन स्टैंड की वसूली संचालक के गुर्गे करते हैं और इसमें पुलिस की भी हिस्सेदारी रहती है। इसका परिणाम है कि शासन की सख्ती के बाद भी शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर अवैध आटो, बस स्टैंड चल रहे हैं। सिर्फ बिहार के मधुबनी, गोपालगंज, सिवान, बगहा, बाल्मीकिनगर के लिए गोरखपुर से रोजाना 50 से अधिक प्राइवेट बसें चलती हैं। यहां से अन्य स्थानों के लिए भी बड़े पैमाने पर निजी बसें चल रही हैं।
जिलाधिकारी ने स्टैंड के व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी अपर जिलाधिकारी को सौंपी है। वह इसके लिए जमीन चिन्हित कर रहे हैं। जल्द ही जमीन की व्यवस्था हो जाएगी। उसके बाद प्राइवेट बसों का संचालन वहीं से होगा। अवैध स्टैंड को बंद कराने के लिए आये-दिन संयुक्त रूप से अभियान चलाया जाता है। बड़े पैमाने पर वाहनों का चालान भी किया जाता है, लेकिन यात्री हितों को ध्यान में रखते हुए एक साथ सब पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है। - डा.एमपी सिंह, पुलिस अधीक्षक यातायात।