Move to Jagran APP

अवैध रूप से चल रहे अनाथालय की पांच साल बाद आई याद

कुशीनगर में एक अनाथालय पांच वर्ष से बिना पंजीकरण के चल रहा था लेकिन प्रशासनिक अमले ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की सरकारी अमले की चुप्पी साधने और देर से कार्रवाई पर उठे सवाल सबसे बड़ा सवाल है कि उचतम न्यायालय के आदेश का क्यों नहीं कराया गया अनुपालन।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 04:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 04:00 AM (IST)
अवैध रूप से चल रहे अनाथालय की पांच साल बाद आई याद
अवैध रूप से चल रहे अनाथालय की पांच साल बाद आई याद

कुशीनगर: पडरौना नगर से सटे गांव परसौनी कला में अवैध रूप से चल रहे अनाथालय के विरुद्ध हुई कार्रवाई के बाद लापरवाही की छींटे प्रशासनिक दामन पर भी पड़े हैं। पांच साल से बिना पंजीकरण के चल रहे इस अनाथालय के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यहां पहुंचकर जन्मदिन मनाने वाले आला अधिकारियों को इसकी याद क्यों नहीं आई। कार्रवाई तो दूर प्रशासन की ओर से एक नोटिस भी नहीं दिया गया। बाल किशोर अधिनियम 2015 के मानकों की धज्जियां उड़ती रहीं और जिम्मेदार सोते रहे।

loksabha election banner

दरअसल बीते 15 जुलाई को जिले के दौरे पर आईं उप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. सुचिता चतुर्वेदी ने अनाथालय के निरीक्षण के बाद जांच कर कार्रवाई के लिए लिखा था। जांच में पुष्टि होने के बाद बुधवार को रेस्क्यू कर बच्चे व किशोर निकाले गए और संचालिका सीरीन बसुमता के विरुद्ध केस दर्ज हुआ। कार्रवाई के बाद अब प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर पांच साल तक इसको लेकर चुप्पी क्यों रही। इस दौरान बच्चों व किशोरों के साथ कोई बड़ी वारदात हो जाती तो क्या होता। उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश कि बिना पंजीकरण के अनाथालय नहीं चलेंगे, का अनुपालन क्यों नहीं किया गया। यह सारे सवाल जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों को भी कार्रवाई के दायरे में खड़ा करते हैं।

अवैध अनाथालय संचालिका के पुत्रों व बहुओं पर भी मुकदमा

बुधवार की देर रात पुलिस ने कोतवाली पडरौना के दारोगा रत्नेश कुमार मौर्य की तहरीर पर अवैध अनाथालय की संचालिका सीरीन बसुमता व उनके पुत्र जयवंत सिंह, रमन सिंह व बहुओं भारती व एस्तर के विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा डालने, पुलिस से मारपीट करने और सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त करने के मामले में केस दर्ज किया है। सीरीन पर पहले से ही अवैध अनाथालय संचालन का केस दर्ज है। कोतवाल अनुज कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, कार्रवाई भी होगी।

कार्रवाई से बदल गई बसुमता की छवि

अवैध रूप से अनाथालय का संचालन करने वाली सीरीन बसुमता को अनाथ बच्चों को पालने को लेकर समाज का हर तबका सम्मान की नजर से देखता था। मांगलिक आयोजनों के मौके पर मदद भी करता था। लोग अपने बच्चों का जन्मदिन तक यहां मनाते थे और अनाथ बच्चों संग खुशियां बांटने के साथ अन्य मदद भी देते थे। किसी को यह नहीं पता था कि यह अनाथालय अवैध रूप से चल रहा है। कार्रवाई के बाद यह बात सामने आते ही बसुमता की छवि बदल गई है। केस दर्ज होने के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है।

जिलाधिकारी एस राजलिगम ने कहा कि अनाथालय के अवैध संचालन की सूचना मेरे संज्ञान में नहीं आई थी। जब बात सामने आई तो त्वरित जांच करा, फौरी कार्रवाई की गई। पांच साल तक यह कैसे चलता रहा, इस पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से जवाब तलब किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.