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भारी पड़ेगा रेलवे की जमीन पर अवैध कब्‍जा, डिजिटल प्लेटफार्म पर आ रहा है पूरा लेखा-जोखा

रेलवे की जमीन पर अवैध कब्‍जा अब भारी पड़ेगा। रेलवे की जमीन डिजिटल प्लेटफार्म पर होगी। जोन से लगायत दिल्ली स्थित रेलवे बोर्ड में बैठे अधिकारी भी भारतीय रेलवे की एक-एक इंच जमीन को अपने सिस्टम पर देख सकेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 10:15 AM (IST)
भारी पड़ेगा रेलवे की जमीन पर अवैध कब्‍जा, डिजिटल प्लेटफार्म पर आ रहा है पूरा लेखा-जोखा
पूर्वोत्‍तर रेलवे अपनी जमीन का लेखा जोखा डिलिटल प्‍लेटफार्म पर देने जा रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे की जमीन भी अब डिजिटल प्लेटफार्म पर होगी। जोन से लगायत दिल्ली स्थित रेलवे बोर्ड में बैठे अधिकारी भी भारतीय रेलवे की एक-एक इंच जमीन को अपने सिस्टम पर देख सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भूमि को ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) पर आनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम पर होगी आनलाइन, देख सकेंगे दिल्ली में बैठे अधिकारी भी

नई व्यवस्था के तहत रेलवे अपनी एक-एक जमीन के बारे में जानकारी रख सकेगा। निगरानी बढ़ जाने से अतिक्रमण पर भी रोक लगेगा। फिलहाल पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने स्टेशनों, कालोनियों, कारखानों और रेल लाइनों के आसपास की भूमि को खोजने में जुट गया है। संबंधित अभिलेख और नक्शे जुटाए जा रहे हैं। अभिलेखों और नक्शा को ड्राइंग बनाने वाले कंप्यूटराइज्ड सिस्टम आटो कैड (एक तरह का साफ्टवेयर) के माध्यम से टीएमएस पर लोड किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर में प्लान किए गए 1697 भूमि में से 1683 लोड कर दी गई है। मुख्यालय के अलावा लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में भी भूमि को लोड करने के लिए प्लान किए जा रहे हैं।

भूमि को सहेजने में जुटा पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन, नक्शा और अभिलेख खोज रहे कर्मचारी

जानकारों के अनुसार प्लान की गई सभी भूमि जल्द ही सिस्टम में लोड कर दी जाएंगी। दरअसल, अभिलेख और नक्शा में की एक जगह व्यवस्थित नहीं होने से रेलवे की भूमि की समुचित देखभाल नहीं हो पाती। हमेशा अतिक्रमण की आशंका बनी रहती है। पुरानी भूमि पर लोग कब्जा जमाए हुए हैं। संबंधित विभागों और अधिकारियों को भी इसकी जानकारी नहीं होती। जरूरत पडऩे पर समय से न कोई अभिलेख मिल पाता है और न नक्शा। ऐसे में डिजिटल प्लेटफार्म पर भूमि के दर्ज हो जाने से पूरा भारतीय रेलवे ही आनलाइन हो जाएगा। जो भूमि बची हैं, रेलवे उसे सुरक्षित कर सकेगा। वैसे भी रेलवे के लगभग सभी सिस्टम डिजिटल प्लेटफार्म पर आ गए हैं। विभागीय कार्य से लेकर ट्रेन संचालन और रेल लाइनों की निगरानी भी आनलाइन हो गई है।

आधुनिकीकरण एवं डिजिटलीकरण की दिशा में रेलवे निरंतर बेहतर कार्य कर रहा है। इसीक्रम में रेलवे सभी पुराने लैंड प्लान को आटोकैड में रिडेवलप कर रहा है। इसके बाद इसे टीएमएस पर लोड किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के बाद लैंड प्लान भविष्य के लिए सुरक्षित हो जाएगा। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे।


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