गोरखपुर में खाली हो रहा जंगल, असलियत जानकर हो जाएंगे हैरान Gorakhpur News
बीते चार माह में आठ मामले ऐसे रहे जब वन विभाग की टीम तस्करों को पकडऩे में विफल रही। टीम ने लकड़ी तो बरामद कर ली पर तस्कर उसके हाथ न आए।
गोरखपुर, जेएनएन। वन प्रभाग गोरखपुर में बड़े पैमाने पर लकडिय़ों की कटान हो रही है। जिससे जंगल का क्षेत्र सिकुड़ रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसकी प्रमुख वजह तस्करों का न पकड़ा जाना है। विभागीय सक्रियता पर तस्करों का नेटवर्क भारी पड़ रहा है।
लकड़ी तो मिलती है पर तस्कर नहीं
बीते चार माह में आठ मामले ऐसे रहे जब वन विभाग की टीम तस्करों को पकडऩे में विफल रही। टीम ने लकड़ी तो बरामद कर ली, पर तस्कर उसके हाथ न आए। यह मामले इस तरफ भी इशारा करते हैं कि विभाग में उनके भेदिए मौजूद हैं, जो तस्करों को टीम के आने-जाने की खबर दे देते हैं। हां, जब बात नहीं बनती तो लकडिय़ां पकड़ी जाती हैं लेकिन तस्कर बचकर भाग निकलते हैं।
इन मामलों में नहीं पकड़े जा सके तस्कर
02 मार्च 2020- कैंपियरगंज रेंज के सिसई घाट पर दो पिकअप से 18 बोटा सागौन की लकड़ी बरामद। 23 फरवरी 2020- बांकी रेंज के ग्राम सरहरी महराजगंज के पास टवेरा से नौ बोटा साखू बरामद। 22 जनवरी 2020 - फरेंदा रेंज के ग्राम पोखरियापुर के पास पिकअप से नौ बोटा साखू बरामद। 02 जनवरी 2020 - बांकी रेंज के ग्राम सियरीभार के पास कार से सात बोटा साखू बरामद। 01 जनवरी 2020 - बांकी रेंज के ग्राम सियरीभार के पास चार बाइक पर आठ बोटा साखू की लकड़ी बरामद।
विभाग का यह है तर्क
इस संबंध में मुख्य वनसंरक्षक दीपक कुमार का कहना है कि विभाग तस्करों पर कार्रवाई करता है। कई बार ऐसा होता है कि तस्कर अंधेरे का लाभ उठाकर भाग निकलते हैं। फिर भी दस माह में वन विभाग ने 41 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।