छापा पड़ा तो बोले, छोड़ दीजिए मैं भाजपाई हूं- टीम ने वसूला 51 हजार रुपये जुर्माना Gorakhpur News
नगर निगम के प्रवर्तन बल ने शुक्रवार को दुकानों में छापा मारा तो कई व्यापारियों ने भाजपा कार्यकर्ता होने की दुहाई देकर छोड़ देने का अनुरोध किया। टीम ने सभी से जुर्माना वसूला।
गोरखपुर, जेएनएन। नगर निगम के प्रवर्तन बल ने शुक्रवार को साहबगंज की सब्जी मंडी और आसपास की तीन दुकानों में छापा मारा। खुद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता बताते हुए कुछ व्यापारियों ने कार्रवाई का विरोध किया। एक व्यापारी ने अपने को भाजपाई बताते हुए छोड़ देने का अनुरोध किया लेकिन प्रवर्तन बल ने उनकी एक न सुनी। टीम ने 80 किलोग्राम पॉलीथिन जब्त कर 51 हजार रुपये जुर्माना जमा कराया।
व्यापारियों को पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की शपथ दिलाई
प्रवर्तन बल के प्रभारी कर्नल सीपी सिंह ने बताया कि सुबह नगर निगम की टीम साहबगंज स्थित सब्जी मंडी पहुंची। सूचना थी कि यहां की कई दुकानों में पॉलीथिन का स्टाक है। टीम ने बारी-बारी से तीन दुकानों की जांच की तो 80 किलोग्राम पॉलीथिन बरामद हुई। कर्नल सीपी सिंह ने बताया कि व्यापारियों को पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की शपथ दिलाई गई।
शहर की डेयरियों पर अब चलेगा पुलिस का डंडा
गोरखपुर शहर में चल रही डेयरियों पर अब पुलिस का डंडा चलेगा। कई बार नोटिस देने के बाद भी बंद नहीं हो रही डेयरियों को शहर से बाहर कराने के लिए पुलिस की मदद ली जाएगी। नगर निगम जल्द ही सभी थानों को उनके क्षेत्र में चल रहे डेयरियों की सूची उपलब्ध कराएगा। नगर निगम क्षेत्र में छह सौ से ज्यादा डेयरियां संचालित हो रही हैं। इन डेयरियों की वजह से न सिर्फ नाले चोक हो जा रहे हैं वरन गंदगी के कारण आसपास रहने वालों का बुरा हाल रहता है। बीते दिनों प्रदेश सरकार ने शहर के अंदर संचालित सभी डेयरियों को नगर निगम सीमा क्षेत्र से बाहर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद निगम प्रशासन ने डेयरियों की सूची तैयार की है।
अब तक 3680 पशु चिह्नित
नगर निगम ने 52 वार्डों में डेयरियों और पशुओं की संख्या की सूची बना ली है। 52 वार्डों की डेयरियों में वर्तमान में 3680 पशु हैं। अफसरों का कहना है कि 70 वार्डों में पशुओं की संख्या पांच हजार से ज्यादा है। नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र से डेयरियों को बाहर निकाला जाना है। इसके लिए सूची बनाने का काम अंतिम चरण में है। अब तक तैयार सूची सिटी मजिस्ट्रेट को भेजी गई थी। वहां से सूची संबंधित क्षेत्र के थानों पर भेजने का अनुरोध किया गया है।