Move to Jagran APP

युवाओं में भी जड़ें जमा रहा मधुमेह, यह बरतें सावधानी

मधुमेह की बीमारी अब युवाओं में भी अपनी जड़ें जमा रहा है। थोड़ी सी सावधानी, खान-पान और नियमित दिनचर्या से मधुमेह से बचा जा सकता है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 04:36 PM (IST)
युवाओं में भी जड़ें जमा रहा मधुमेह, यह बरतें सावधानी
युवाओं में भी जड़ें जमा रहा मधुमेह, यह बरतें सावधानी

गोरखपुर, (जेएनएन)। आरामदायक जीवनशैली, भागदौड़ की जिंदगी में बढ़ता मानसिक तनाव, शारीरिक मेहनत की घटती प्रवृति अब लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। इसकी वजह से मधुमेह तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। गंभीर तो यह है कि अब बड़ी तादाद में युवा भी इसकी चपेट में आते रहे हैं।

loksabha election banner

बीआरडी एक साल में पहुंचे 3500 से अधिक मरीज

पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी बीमारी से स्थिति गंभीर होती जा रही है। बीआरडी मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के डा. राजकिशोर सिंह के अनुसार हर हफ्ते बुधवार को कालेज में चलने वाली इंडोक्राइन ओपीडी में सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें तकरीबन 50 नए होते हैं। पूरे साल की बात करें तो यहां कुल मिलाकर 35 सौ मरीज पहुंचे। इसमें तकरीबन एक-चौथाई लोगों की उम्र 40 साल के कम थी। इसके अलावा बाल रोग, सर्जरी, नेत्र, स्त्री व प्रसूति रोग के विभागों की ओपीडी में 15 से 20 फीसद मरीज पहुंचते हैं। प्राइवेट चिकित्सकों व अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की तादाद इससे अलग है।

इलाज के लिए बीआरडी में खास व्यवस्था

मेडिकल कालेज में मधुमेह के मरीजों के इलाज के लिए खास व्यवस्था की गई है। हर सप्ताह बुधवार को मेडिसिन विभाग के इंडोक्राइन ओपीडी में आने वाले मरीजों को हेल्प लाइन नंबर भी दिया जाता है। इससे वह दवा या इंसुलिन लेने में कोई भी संशय होने पर फोन कर सकते हैं। साथ ही विभिन्न विभागों में भर्ती मधुमेह के मरीजों के बेड साइड इलाज की व्यवस्था है।

घर का कूटा चावल उचित

राइस मिल का चावल भी मधुमेह बढ़ाने की बड़ी वजह है। मिल में कुटाई के दौरान चावल की वह परत हट जाती है जिसमें थियामिन, जिंक, सिलेनियम व मैग्नीसियम आदि होता है। डा. राजकिशोर सिंह के मुताबिक यह तत्व मधुमेह के लिए फायदेमंद हैं। यदि घर का कूटा चावल खाया जाए तो यह सभी तत्व मिल जाते हैं तथा यह मिल के चावल की तुलना में सुरक्षित है।

खानपान-व्यायाम बेहद कारगर

मधुमेह के इलाज में खानपान व व्यायाम का महत्व दवा की तरह ही है। सही खानपान से बीमारी को पूरी तरह काबू में रखने में मदद मिलती है। मधुमेह व हारमोन विशेषज्ञ डा. अंकुर सिन्हा के अनुसार मधुमेह पीडि़त को दिन में तीन अल्प व तीन पूर्ण भोजन करना चाहिए। पूर्ण भोजन की थाली में आहार की मात्रा सामान्य थाली से अलग होनी चाहिए। सब्जी या सलाद की मात्रा आधी रहनी चाहिए। मतलब कि हमें सब्जियों व सलाद की मात्रा दोगुना कर देना चाहिए। इसके अलावा एक चौथाई थाली में प्रोटीन युक्त भोजन जिसमें दाल, मछली, अंडा या इसी तरह का कुछ और, बचे हुए एक चौथाई थाल में कुल साठ ग्राम वजन का अनाज होना चाहिए। इसमें रोटी या चावल हो सकता है। एक दिन में तेल की मात्रा पंद्रह मिली से अधिक नहीं होनी चाहिए। घी, मक्खन का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। व्यायाम भी मधुमेह को नियंत्रित करने में बेहद कारगर होता है।

इसीलिए बढ़ रही बीमारी

- आरामदायक जीवनशैली

- मानसिक तनाव

- अत्यधिक वसा युक्त या उ''ा कैलोरी युक्त भोजन

- मध्य भाग का मोटापा या बढ़ी हुई तोंद

बीमारी के लक्षण

- अत्यधिक भूख या प्यास लगना

- बार-बार पेशाब होना

- अचानक वजन का गिरना

- घाव या फोड़े का जल्दी ठीक न होना

- अत्यधिक थकान महसूस होना

- जननांगों में खुजली, जलन होना

- पैरों व हाथों का सुन्न या जलन का होना

ऐसे बचें

- खानपान में नियंत्रण

- नियमित व्यायाम, हर रोज कम से कम तीस मिनट

- वजन पर नियंत्रण

- तनाव से बचकर

ऐसे करें काबू

- नियमित जांच कराएं

- नियमित व्यायाम

- चार से पांच घंटे के अन्तराल पर थोड़ा थोड़ा भोजन

- बीमारी की गम्भीरता के हिसाब से दवाओं का इन्सुलिन का नियमित प्रयोग

- मधुमेह से प्रभावित होने वाले अंगों हृदय, आंखों, किडनी इत्यादि की जांच


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.