बीमार पड़े तो स्पोर्ट्स कॉलेज में नहीं मिलेगा इलाज, फिर कहां जाते हैं छात्र Gorakhpur News
स्पोर्ट्स कालेज के प्रधानाचार्य अरुणेंद्र पांडेय का कहना है कि स्पोर्ट्स कॉलेज में किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं है। छात्र-छात्राओं को नजदीकी अस्पताल ले जाकर इलाज कराया जाता है।
गोरखपुर, जेएनएन। वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में पढ़ाई के साथ खेल का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों की तबीयत बिगड़ी तो तुरंत इलाज संभव नहीं होगा। वजह स्थापना काल से ही चिकित्साधिकारी का पद रिक्त होना है। खिलाड़ी बीमार पड़े या खेल के दौरान चोट लगती है, तो इलाज के लिए उन्हें बाहर जाना पड़ता है।
छह वर्ष पहले तक आते थे डॉक्टर
जिला अस्पताल की ओर से छह वर्ष पहले तक कॉलेज में डॉक्टर की ड्यूटी लगाई जाती थी लेकिन इधर डॉक्टर नहीं आते। किसी छात्र या छात्रा को चोट लगने पर समय से कोच या कर्मचारी उपलब्ध हैं, तो उसे लेकर बाहर जाएंगे, अन्यथा सीनियर छात्रों को यह जिम्मेदारी निभानी होती है।
नगर विधायक ने कराई थी व्यवस्था
नगर विधायक डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल ने अगस्त 2019 में एक छात्रा को चोट लगने का मामला खेल मंत्री के समक्ष उठाया था। उन्होंने कॉलेज के सामने नर्सिंग होम में छात्रों के इलाज की व्यवस्था की थी, लेकिन कभी-कभी वहां भी डॉक्टर नहीं मिलते।
फीजियोथेरेपी की सुविधा
स्पोर्ट्स कॉलेज में फीजियोथेरेपी की सुविधा है। यहां छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देने के लिए फीजियोथेरेपिस्ट आते हैं।
किसी डाक्टर की तैनाती नहीं
इस संबंध में स्पोर्ट्स कालेज के प्रधानाचार्य अरुणेंद्र पांडेय का कहना है कि स्पोर्ट्स कॉलेज में किसी डॉक्टर की तैनाती नहीं है। छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाकर इलाज कराया जाता है।