Indian Railways: रेलवे क्रासिंग खुली है तो थम जाएंगे ट्रेनों के पहिए, क्रासिंग बंद होने तक नहीं मिलेगा ग्रीन सिग्नल
खराब होनेया रेल लाइन पर वाहनों के फंस जाने की दशा में फाटक बंद नहीं हो पाते। ऐसी स्थिति में ट्रेन को रोकने के लिए गेटमैन को लाल झंडी लेकर खड़ा होना पड़ता है। रेलवे की नई व्यवस्था से झंडी दिखाने से मुक्ति मिलेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। किन्हीं कारणों से रेलवे क्रासिंग (समपार फाटक) बंद नहीं हुई तो ट्रेन को ग्रीन सिग्नल नहीं मिलेगा। रेड सिग्नल के चलते ट्रेन क्रासिंग के पहले ही खड़ी हो जाएगी। दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने, कार्य को सरल बनाने तथा सिस्टम को कंप्यूटर आधारित करने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के समपार इंटरलाक (सिग्नल से जोड़ना) किए जा रहे हैं। अभी तक 1641 में से 769 मैंड क्रासिंग (मानव सहित) को इंटरलाक कर दिया गया है। शेष पर कार्य तेजी के साथ चल रहा है।
खराब होने पर बंद नहीं हो पाते समपार फाटक
अक्सर, खराब होने, ठोकर लगने या रेल लाइन पर वाहनों के फंस जाने की दशा में फाटक बंद नहीं हो पाते। ऐसी स्थिति में ट्रेन को रोकने के लिए गेटमैन को लाल झंडी लेकर खड़ा होना पड़ता है। फाटकों पर अफरा- तफरी मच जाती है। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। नई व्यवस्था से झंडी दिखाने से मुक्ति मिलेगी।
तकनीक का असर: दो साल में एक भी दुर्घटना नहीं हुई
फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे की बड़ी लाइन पर पड़ने वाली सभी रेलवे क्रासिंग पूरी तरह व्यवस्थित कर दी गई है। एक भी क्रासिंग मानव रहित (अनमैंड) नहीं हैं। दरअसल, 26 अप्रैल 2018 को तमकुही रोड और दुदही स्टेशन के बीच अनमैंड क्रासिंग (मानव रहित) पर हुई भीषण दुर्घटना में 13 नौनिहाल असमय काल के गाल में समा गए थे। इस भयावह दुर्घटना ने रेलवे की आंखें खोल दी और महज छह माह में ही पूर्वोत्तर रेलवे के 633 अनमैंड क्रासिंग को व्यवस्थित कर दिया गया। परिणाम सामने है, पिछले दो साल में एक भी परिणामी दुर्घटना नहीं हुई है।
समपार फाटकों पर सुरक्षा के लिए तैनात हैं 733 पूर्व सैनिक
क्रासिंग की सुरक्षा के लिए लखनऊ मंडल में 277 और वाराणसी मंडल में 456 सहित 733 पूर्व सैनिक तैनात हैं। इसके अलावा वर्ष 2018-19 में 13, 2019-2020 में 82 तथा 2020-2021 में 91 अंडरपास बनाकर क्रासिंग बंद किए गए। इसके अलावा 2018-19 में 1, 2019-2020 में 4 तथा 2020-2021 में 7 ओवरब्रिज बनाकर क्रासिंग बंद हो चुके हैं।
25 लाख एसएमएस के जरिये लोगों को जागरूक करेगा रेलवे
समपार फाटकों पर दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 6 से 10 जून के बीच किसी एक निर्धारित तिथि को अंतरराष्ट्रीय समपार जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष दस जून को यह दिवस मनाया जाएगा। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार समपार फाटकों के आसपास जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा बैनर और पोस्टर के अलावा अन्य विविध माध्यमों से भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। रेल उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए 25 लाख एसएमएस किए जाएंगे।