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संवेदनशील बनें, मानव तस्करी में आ जाएगी कमी Gorakhpur News

एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि बेरोजगार विदेश भेजने वालों से धोखा न खाएं। इसके लिए जल्द ही जगह-जगह जागरूकता वाले फ्लैक्स लगाए जाएंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 01:30 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 01:30 PM (IST)
संवेदनशील बनें, मानव तस्करी में आ जाएगी कमी Gorakhpur News
संवेदनशील बनें, मानव तस्करी में आ जाएगी कमी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआइजी) गोरखपुर रेंज राजेश मोदक ने कहा कि मानव तस्करी अब भी जारी है बस तरीका बदल गया है। कानून और स्वयंसेवी संगठन इस पर काम कर रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी हमारी संवेदनशीलता है। यदि हम संवेदनशील रहें तो मानव या बाल तस्करी पर लगाम लगाई जा सकती है। यदि हमने तस्करों से एक भी बच्‍चे को बचाया तो इससे बड़ी सफलता कोई नहीं हो सकती।

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जगह-जगह लगाए जाएंगे फ्लैक्स

आइजी यहां के होटल में बाल व्‍यापार मुक्त भारत (चाइल्ड ट्रैफिकिंग फ्री इंडिया) विषय पर आयोजित जनसंवाद को संबोधित कर रहे थे। मानव सेवा संस्थान 'सेवा और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन की ओर से आयोजित जनसंवाद में एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा कि बेरोजगार विदेश भेजने वालों से धोखा न खाएं। इसके लिए जल्द ही जगह-जगह जागरूकता वाले फ्लैक्स लगाए जाएंगे।

इस इलाके के सबसे ज्‍यादा लोग विदेश में

विदेश जाने वाले थाना स्तर पर वीजा और पासपोर्ट की जांच करा लें। बड़हलगंज, खजनी, बांसगांव आदि इलाकों से सबसे ज्यादा लोग विदेश जाते हैं। इसलिए इन इलाकों में जागरूकता पर जोर दिया जाएगा।

बच्‍चों के कानून के बारे में भी दी जानकारी

डॉ. ओंकार तिवारी ने बच्‍चों से संबंधित कानून पर प्रकाश डाला। जिला प्रोबेशन अधिकारी सर्वजीत सिंह ने महिला व ब'चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। एडिशनल सीएमओ डॉ. एके प्रसाद ने तस्करों से बचाए गए ब'चों की मेडिकल प्रक्रिया को और सरल बनाने की बात कही। एसएसबी के इंस्पेक्टर सुग्रीव प्रसाद ने हर स्तर पर सहयोग की बात कही।

एजेंसी की विश्‍वसनीयता पर भी रखें ख्‍याल

सेवा के निदेशक राजेश मणि ने बाल तस्करी, बाल श्रम पर चिंता जताई। कहा कि विदेश जाने वाले यह जरूर देख लें कि जो एजेंसी उन्हें भेज रही है उसका पंजीकरण है या नहीं। विदेश जाने से पहले अपना वीजा दिखवा लें। ज्यादातर मामलों में टूरिस्ट वीजा पर बेरोजगारों को विदेश भेज दिया जाता है। बाद में वह वहां फंस जाते हैं।

इस दौरान डॉ. मुमताज खान, डॉ. मिठाई लाल गुप्त, सिराजुल हक, मनोज सिंह, उषा दास, धर्मेंद्र सिंह, रोहन सेन, लता मिश्रा, प्रीति घोष, धर्मेंद्र पासवान, दुर्गेश कश्यप, सुधीर द्विवेदी आदि मौजूद रहे।


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