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सीमा पार से हो रही युवतियों की तस्करी

पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में गरीब घर की युवतियों और महिलाओं को नौकरी का झांसा खाड़ी देखों को भ्ेजा जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों एवं स्वयं सेवी संगठनों की सतर्कता के बावजूद तस्कर अपने मकसद में कामयाब हो रहे हैं। इसके लिए तस्करों में पगडंडियों को सुरक्षित मान लिया है और पगडंडियों से भारत के सीमाई जिलों में आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 03:30 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 03:30 PM (IST)
सीमा पार से हो रही युवतियों की तस्करी
सीमा पार से हो रही युवतियों की तस्करी

गोरखपुर : पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में गरीब घर की युवतियों और महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर खाड़ी देशों में भेजा जा रहा है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा सोनौली को सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जा रहा है। हालांकि इस पर अंकुश लगाने के लिए नेपाल और भारतीय सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियां लगी हुई हैं। बावजूद इसके तस्कर नेपाली युवतियों को बाहर भेजने में सफल हो जा रहे हैं।

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महराजगंज जिले के अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दरअसल मानव तस्करी को बड़ा कारण गरीबी व रोजगार का अभाव है। मानव तस्करी में लिप्त गिरोह के सदस्य गरीब परिवारों के लोगों को अपने संजाल में फंसाते हैं और महानगरों व विदेशों में अच्छी नौकरी दिलाने का भरोसा देकर गरीब परिवारों की युवतियों को ले जाते हैं। युवतियों को खाड़ी देश भेज दिया जाता है अथवा महानगरों में पहुंचा दिया जाता है और उनसे देह व्यापार कराया जाता है। पुलिस की सतर्कता से मानव तस्करी पर विराम लगा है पर स्वयं सेवी संस्थाएं आगे आएं और गांवों में जाकर लोगों को जागरूक करें तो इस पर प्रभावी विराम लग सकता है।अभिसूचना तंत्र को और मजबूत कर मानव तस्करी पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।

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पगडंडियों से हो रही मानव तस्करी

नेपाल और भारत की सीमा खुली होने के कारण सीमा क्षेत्र के गांवों के लोग एक दूसरे देश में आसानी से आते जाते हैं। इसके लिए सीमा क्षेत्र के सभी गांवों में पगडंडी हैं। युवतियों की तस्करी करने वाले मुख्य मार्ग पर खतरा को देखते हुए इन्हीं पगडंडियों का सहारा लेते हैं और आराम से नेपाली युवतियों को लेकर भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं। उसके बाद वह प्राइवेट वाहनों, बस और ट्रेन से दिल्ली एवं अन्य महानगरों के लिए रवाना हो जाते हैं।

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रोक के लिए कार्यशाला

अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ल की अध्यक्षता में पुलिस लाइन में आयोजित कार्यशाला में मानव तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने की रणनीति बनाई गई और योजना को मूर्त रूप देने के लिए सभी 17 थानों पर नियुक्त बाल कल्याण अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई।

शक्ति वाहिनी स्वयं सेवी संस्था के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में जिला प्रोबेशन अधिकारी अजातशत्रु शाही ने कहा कि मानव तस्करी पर रोकथाम के लिए बाल कल्याण अधिकारी, महिला हेल्प डेस्क, बाल हेल्प डेस्क अधिकारी को मिल कर काम करना होगा तभी मानव तस्करी पर पूरी तरह अंकुश लगेगा। कार्यशाला में सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारी, जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड के कर्मचारी, बाल कल्याण समिति के कर्मचारी, डीसीआरबी प्रभारी, एएचटीयू के प्रभारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी को इससे संबंधित कानून के बारे में भी जानकारी दी गई।


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