गर्म पछुआ हवाएं सुखा दे रहीं हलक
गोरखपुर : गर्मी अपने प्रचंड रूप में दस्तक दे चुकी है। आसमान से आग बरस रही है तो गर्म पछुआ ह
गोरखपुर : गर्मी अपने प्रचंड रूप में दस्तक दे चुकी है। आसमान से आग बरस रही है तो गर्म पछुआ हवाएं लू बनकर हलक को सुखा दे रहीं हैं। वातावरण में नमी की कमी इस गर्मी का पूरा साथ दे रही है। मौसम के इस रुख ने लोगों को हिला कर रख दिया है। लोग यह सोचकर डरे हुए हैं कि जब अभी ऐसा है तो आगे कैसा होगा।
मंगलवार को गोरखपुर का अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। ऐसा नहीं है कि इस बार की गर्मी में अधिकतम तापमान का यह आंकड़ा पहली बार देखने को मिला है। सप्ताह भर से अधिकतम तापमान इसके इर्द-गिर्द ही रहा है, लेकिन तापमान के इस स्तर पर निरंतर बने रहने से गर्मी की प्रचंडता बढ़ती महसूस रही है।
पश्चिम दिशा से आ रही गर्म पछुआ हवाएं इस तापमान का भरपूर साथ दे रही हैं। इन गर्म हवाओं ने वातावरण की नमी को सोख लिया है। ऐसे में नमी विहीन यह हवाएं लू का रूप धर कर लोगों का घर से निकलना दूभर कर दे रही हैं। मंगलवार को गोरखपुर की न्यूनतम आर्द्रता 14 प्रतिशत रिकार्ड की गई। आर्द्रता का यह न्यूनतम स्तर भी बीते तीन-चार दिनों से बरकरार है।
हालांकि इन सबके बीच मौसम विशेषज्ञ का पूर्वानुमान राहत देने वाला है। विशेषज्ञ कैलाश पांडेय ने बताया कि हिमालय के पश्चिमी क्षेत्रों पर एक पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे रहा है। दक्षिणी पश्चिमी बंगाल पर एक चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जिसका प्रसार उड़ीसा और छत्तीसगढ़ तक है। ऐसे में हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंधी के साथ बारिश की संभावना बन रही है। इसके प्रभाव स्वरूप 26 अप्रैल के बाद गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में हल्की बारिश की संभावना बन रही है।
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तापमान (डिग्री से. में) और आर्द्रता (प्रतिशत में)की स्थिति
तिथि-अधिकतम तापमान- न्यूनतम आर्द्रता
24 अप्रैल -39.2 -14
23 अप्रैल - 39.2 -10
22 अप्रैल - 38.8 -12
21 अप्रैल -39.5 - 19
20 अप्रैल -37.4 - 40
19 अप्रैल - 37.8 - 32
18 अप्रैल - 37.6 - 22
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खूब पानी पीएं, नारियल तेल लगाएं : डॉ. रजनीकांत
फिजिशियन डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव का कहना है कि सूखी गर्मी कई रोगों की वजह बनती है। सूखी हवाएं जहां सांस लेने में दिक्कत पैदा करती हैं, वहीं ऐसे माहौल में तेज धूप तरह-तरह के चर्म रोग को जन्म देती है। इसके अलावा पानी की कमी से डिहाइड्रेशन की समस्या कभी भी दस्तक दे सकती है। ऐसी परिस्थिति में नींबू-पानी के घोल के अलावा अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। धूप का असर चमड़े पर न पड़े इसके लिए घर से निकलने से पहले शरीर के अधिक से अधिक अंगों को ढंक कर चलें। चमड़े शुष्क न पड़े, इसके लिए नारियल तेल या मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करें। सांस की दिक्कत से बचने के लिए घर से निकलने से पहले या तो चेहरे को ढकें या फिर फिर मास्क लगाएं। बच्चों को लेकर रहे सचेत : डॉ. यूएन पांडेय
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. यूएन पांडेय के अनुसार मौसम का बदलाव या उसकी तेजी का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस समय पड़ रही सूखी गर्मी की वजह से बहुत से बच्चों में एलर्जी की शिकायत आ रही है। एलर्जी की वजह से बहुत से बच्चों की सांस फूलने लग रही है। नमी की कमी से बच्चे डायरिया के भी शिकार हो रहे हैं। तेज धूप बच्चों के नाजुक चमड़े को जला दे रही है। ऐसे में शरीर पर दाने निकलने की समस्या भी बहुत आ रही है। ऐसे मौसम में बच्चों के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बच्चों को अनावश्यक घर से न निकलने दें। जब वह घर से निकले तो इस बात पर जरूर ध्यान दें कि उनका पूरा शरीर ढका हो। साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। डायरिया से बचने के लिए यह पानी भी बच्चों को खूब पिलाएं।