दधिकीच की होली खेल भाव-विभोर हुए श्रीराधा भक्त
भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार की तपोभूमि गीतावाटिका में महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
भाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार की तपोभूमि गीतावाटिका में चल रहे श्रीराधाष्टमी महोत्सव क्रम में भाद्रपद शुक्ल नवमी यानी मंगलवार को दधिकर्दमोत्सव का आयोजन श्रद्धा व उल्लास के साथ किया गया। श्रीराधाष्टमी पण्डाल में राधे-राधे के संकीर्तन पर दधिकीच की होली खेलते हुए भावविभोर होकर झूमते और तालिया बजाते गोप बालकों के रूप में श्रद्धालुओं ने बरसाने का दृश्य उपस्थित कर दिया। इस दौरान भक्तों ने डांडिया नृत्य भी किया। महोत्सव के क्रम में नित्य सम्पन्न होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों के पश्चात सुबह 10:30 बजे मधुर नाम संकीर्तन कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। बधाई के पदों का गायन हुआ और आयोजन स्थल 'आनंद भर बोलो बधाई है बधाई है, हमारे भाग्य हैं जागे जो लाली घर में आई है' से गुंजायमान रहा। पद गायन के बाद 'प्रेम की मूरति नागर नट की' गाते हुए गोप बालकों का उत्सव मंडप में प्रवेश हुआ। अल्पना स्थली के पूजन के बाद गोप बालकों द्वारा 'राधा जाई आनंद लाई, नाचो रे नाचो सब ग्वाल, दधि माखन की नदी बहाओ आज सबै हो गए निहाल' गाते हुए डाडिया नृत्य किया गया। उद्दाम नाम संकीर्तन राधे-राधे प्रारंभ होने से पहले दही, हल्दी, इत्र आदि से दधिकीच तैयार किया गया। केसरिया साफा पहने गोप बालकों ने दधिकीच से होली खेली और उद्दाम नाम संकीर्तन तथा नृत्य किया। आरती के बाद भक्तजन समाधि पर प्रणाम करने पहुंचे और इसी के साथ दधिकर्दमोत्सव संपन्न हुआ। सायंकाल स्वामी श्रीराम शर्मा की रास मंडली द्वारा प्रिया-प्रियतम के रास नृत्य के बाद 'चित्रा लीला' की प्रस्तुति की गई। हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति के सचिव उमेश कुमार सिंहानिया ने बताया कि बुधवार को सुबह 11 बजे भाईजी के भावार्चन के साथ महोत्सव का समापन होगा। इस दौरान अनुराग डालमिया, कृष्ण मुरारी पोद्दार, कविता डालमिया, ओम प्रकाश सेकसरिया, रसेंदु फोगला, जनार्दन कोठारी, प्रद्युम्न कोठारी, नीलमणि, कनक हरि अग्रवाल, मनमोहन जाजोदिया, प्रमोद कुमार बाजपेयी, अंलजी पराशर, राकेश तिवारी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।