गोरखपुर में बदमाशों की हवा टाइट, हिस्ट्रीशीटरों की फाइल खंगालना शुरू, दिन में दो बार घर जा रही है पुलिस
डीआईजी दिसंबर में हिस्ट्रीशीटरों का सत्यापन कराएंगे। सक्रीय रहने वालों पर पुलिस की सख्ती बढ़ेगी। जिले के हर थानों में हिस्ट्रीशीटरों के अपराध की फाइलों को खोलकर उनपर सख्ती की जा रही है। अपराधियों के घर पहुंचकर उनकी जानकारी जुटाई जा रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर रेंज में सभी हिस्ट्रीशीटरों का एक बार फिर से सत्यापन किया जाएगा। डीआईजी ने दिसंबर माह में सत्यापन करने का निर्देश दिया है। इसमें अपराध छोड़कर कुछ और काम करने वालों की निगरानी में ढील दी जाएगी। वहीं सक्रीय बदमाशों के विरुद्ध पुलिस और सख्ती करेगी और उनकी निगरानी भी बढ़ाई जाएगी।
यह है मामला
बदमाशों के खिलाफ पुलिस सख्त है। हर थानों में हिस्ट्रीशीटरों के अपराध की फाइलों को खोलकर पुलिस उनके साथ सख्ती से पेश आ रही है। 24 घंटे में दो से तीन बार पुलिस उनके घर पहुंचकर उनकी जानकारी जुटा रही है। नहीं मिलने पर थाने पर हाजिर होने का निर्देश दे रही है। इस तरह की कार्रवाई से अपराधों पर अंकुश के साथ हिस्ट्रीशीटरों की संख्या में भी कमी आई है।
डीआईजी कराएंगे सत्यापन
डीआईजी एक बार फिर दिसंबर माह में रेंज के जिलों के हिस्ट्रीशीटरों का सत्यापन कराएंगे। इसमें उन हिस्ट्रीशीटरों पर निगरानी कम कराएंगे जो अपराध छोड़कर अन्य काम कर रहे हैं। मगर उनकी गहनता के साथ पुलिस जांच करेगी कि जिसमें उनके कमाई का माध्यम माध्यम क्या है, उनके संबंध किसके-किसके साथ हैं, लोगों के प्रति उनका बर्ताव कैसा है। आदि की जांच होगी। सक्रीय हिस्ट्रीशीटरों पर पुलिस की सख्ती और बढ़ेगी। उनके आय का पता करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर करने का कार्य होगा। उन्हें सपोर्ट करने वालों पर भी सख्ती बरती जाएगी।
गोरखपुर में हिस्ट्रीशीटर का आकड़ा
सितंबर में जारी आकड़े में 1540 का हुआ है सत्यापन।
133 हिस्ट्रीशीटर जेल में बंद हैं।
1175 हिस्ट्रीशीटर जमानत पर बाहर हैं।
186 हिस्ट्रीशीटर फरार चल रहे हैं।
46 हिस्ट्रीशीटरों की मृत्यु हो चुकी है
क्या कहते हैं अधिकारी
डीआईजी जे रविन्द्र गौड़ ने बताया कि सितंबर माह में हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट अपडेट की गई थी। दिसंबर माह में एक बार फिर सत्यापन कराया जाएगा। सुधरने वालों की निगरानी में कुछ ढील दी जाएगी। अपराध में सक्रीय रहने वालों के आय के श्रोत व उनके संबंधों को लेकर अन्य जानकारी जुटाकर निगरानी तेज की जाएगी।