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दूसरों पर बहुत भारी पड़ती है इनकी 'दिवाली', जानें - कैसे ? Gorakhpur News

बावरिया व कच्‍छा बनियान गिरोह दिवाली पर्व से ही अपराध की शुरुआत करते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 02:56 PM (IST)
दूसरों पर बहुत भारी पड़ती है इनकी 'दिवाली', जानें - कैसे ? Gorakhpur News
दूसरों पर बहुत भारी पड़ती है इनकी 'दिवाली', जानें - कैसे ? Gorakhpur News

गोरखपुर, जीतेन्द्र पाण्डेय। दिवाली का त्योहार इस बार कई मायने में चुनौतीपूर्ण है। वजह आतंकी कोई बड़ी अनहोनी कर सकते हैं तो बावरिया व कच्‍छा बनियान गिरोह पर्व से ही अपराध की शुरुआत करते हैं। ऐसे में पुलिस के लिए यह त्योहार किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा।

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कच्‍छा बनियान व बावरिया गिरोह को लेकर पुलिस को अलर्ट किया गया है। खुफिया एजेंसियां पहले ही आशंका जता चुकी हैं कि पर्व पर आतंकी कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं। पखवारे भर पूर्व नकहा के पास पांच संदिग्ध आतंकियों को देखे जाने की चर्चा रही। हालांकि बाद में एसएसपी गोरखपुर ने उसे अफवाह से अधिक कुछ नहीं बताया। नेपाल बार्डर करीब होने को लेकर आतंकी गतिविधियों को लेकर इन्कार भी नहीं किया जा सकता है। छह दिन पूर्व सिद्धार्थनगर के बढऩी बार्डर पर फूल कारोबारी के पास से तीन पैकेट बारूद बाउडर मिलने से सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई। अतीत में यहां दर्जनभर से अधिक आतंकी पकड़े जा चुके हैं।

नेपाल सीमा पर पकड़े गए आतंकी

  • 1991 में महराजगंज जिले के सोनौली बार्डर पर पंजाब का उग्रवादी सुखविंदर सिंह पकड़ा गया
  • बढऩी बार्डर पर अजमेर सिंह व भाग सिंह उग्रवादी पकड़े गए
  • 1993 में मुंबई कांड का आरोपी टाइगर मेमन सोनौली बार्डर पर पकड़ा गया
  • 24 अक्टूबर 2010 को बब्बर खालसा ग्रुप का माखन सिंह बढऩी बार्डर से गिरफ्तार किया गया
  • 2011 में इंडियन मुजाहिद्दीन का सलमान उर्फ छोटू बढऩी बार्डर से गिरफ्तार किया गया

इसके अलावा भारत-नेपाल सीमा से इंडियन मुजाहिद्दीन का संस्थापक यासीन भटकल सहित अब्दुल करीब टुंडा जैसे आतंकी पकड़े जा चुके हैं।

पूर्वांचल में बावरियों की सक्रियता

पूर्वांचल में बावरियों का गिरोह भी सक्रिय रहा है। दिवाली के साथ ही यह गिरोह खून बहाकर लूटपाट करता है। 

12 फरवरी 2017 को बस्ती पुलिस ने औरेया कोतवाली के बनारसी दास निवासी धनजीत बावरिया गिरोह का सरगना को उसके साथियों के साथ पकड़ा गया था

  • 2008 में बावरिया गिरोह ने बस्ती में एक डाक्टर परिवार को निशाना बनाया था
  • 2003 में बावरिया गिरोह के सदस्यों ने सिद्धार्थनगर जिले के बांसी कस्बे में सात व्यक्तियों की हत्या कर दी

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