हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में वाहन चालकों को पता ही नहीं, करना होगा आनलाइन आवेदन
संभागीय परिवहन अधिकारी अनीता सिंह के अनुसार संभाग में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। वाहन स्वामी विभाग की वेबसाइट पर बुक माई एचएसआरपी पर आवेदन कर सकते हैं। सभी का आवेदन सीधे संबंधित डीलर के यहां पहुंचेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए आनलाइन आवेदन करना होगा। वाहन का चालान या पंजीयन निरस्त होने की दशा में बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के आवेदन स्वीकार नहीं होंगे। डीलर आनलाइन ही आवेदनों की जांच करेंगे। दूसरी तरफ हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में ज्यादातर से वाहन स्वामियों को जानकारी ही नहीं है।
वाहन पोर्टल पर आनलाइन ही आवेदनों की जांच करेंगे डीलर
संभागीय परिवहन अधिकारी अनीता सिंह के अनुसार संभाग में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। वाहन स्वामी विभाग की वेबसाइट पर बुक माई एचएसआरपी पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन सीधे संबंधित डीलर के यहां पहुंचेगा। यदि जनपद में वाहन की कंपनी से संबंधित डीलर नहीं हैं, तो नजदीक वाले जिले के डीलर को आवेदन चला जाएगा। आरटीओ ने बताया कि 2005 से पहले के पंजीकृत वाहनों पर चार माह में, 2005 से 2010 के बीच पंजीकृत वाहनों पर छह माह, 2010 से 2015 तक पंजीकृत वाहनों पर आठ माह तथा 2015 से 2019 के बीच पंजीकृत वाहनों पर दस माह में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य है। नई नंबर प्लेट के बिना वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र और पंजीयन का नवीनीकरण भी नहीं होगा।
जेम पोर्टल पर पंजीकृत होंगे समस्त डीलर
जेम पोर्टल पर जनपद के समस्त डीलर पंजीकृत किए जाएंगे। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्याम लाल के अनुसार सभी डीलरों को जेम पोर्टल पर तीन दिन के अंदर पंजीकरण कराने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। इससे आम जनता को सहूलियत तो मिलेगी ही, शासकीय वाहनों की खरीद भी पोर्टल से की जा सकेगी। जिले में विभिन्न वाहनों के करीब 250 डीलर मौजूद हैं।
वाहनों चालकों को जानकारी ही नहीं
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में ज्यादातर वाहन चालकों को पता ही नहीं है। चार पहिया वाहन के मालिक सुरेश चंद ने कहा कि उन्हें इस बारे मे कोई जानकारी नहीं है। जब उन्हें बताया गया कि अब नियम बदल गया है तो वह परेशान हो गए। इसी तरह से मोटरसाइकि चालक विनीत कुमार का कहना है कि उन्हें नए नियम के बारे में जानकारी नहीं है। जब होगा देखा जाएगा। मतलब वाहनों चालकों को इसके लिए जागरूक करना पड़ेगा।