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सारस पक्षी को भा रही तराई की आबोहवा, चार चांद लगा रही इनकी चहलकदमी

इस जिले की आबोहवा सारस पक्षियों के अनुकूल है। यही कारण है कि इनका आवगमन बढ़ा है। इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

By Edited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 02:03 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 02:03 PM (IST)
सारस पक्षी को भा रही तराई की आबोहवा, चार चांद लगा रही इनकी चहलकदमी
सारस पक्षी को भा रही तराई की आबोहवा, चार चांद लगा रही इनकी चहलकदमी
गोरखपुर, जेएनएन। नेपाल की सीमा से लगे महराजगंज जनपद के तराई इलाके की आबोहवा राज्य पक्षी सारस को खूब भा रही है। इन दिनों यह पक्षी खेतों, बाग-बगीचों, नहरों एवं तालाबों के अलावा शांत स्थानों पर चारा चुंगते हुए समूह में देखे जा सकते हैं। तराई के इलाके में सारस पक्षियों की चहलकदमी से यह स्पष्ट हो रहा है कि इस क्षेत्र की जलवायु अब इनके लिए काफी अनुकूल साबित हो रही है। जहां यह काफी संख्या में आसानी से जीवन यापन कर रहे हैं। हालांकि शिकारियों के डर एवं जलवायु की विषमता के बीच यह पक्षी कुछ सालों के लिए क्षेत्र से पलायन कर चुके थे, लेकिन इधर हाल के वर्षों में इनकी बढ़ती संख्या एक सुखद संकेत है।
वन विभाग ने क्षेत्र में इनकी मौजूदगी को देखते हुए इनकी सुरक्षा का खास ख्याल रख रहा है। राज्य सरकार का वन एवं जंतु विभाग भी हर वर्ष जून-जुलाई माह में गणना कर सारस पक्षियों का सही आंकड़ा जुटाता है। इनकी संख्या कभी घट जाती है तो कभी बढ़ जाती है। वर्ष 2018 की गणना में कुल 528 सारस पाए गए, जिसने 448 वयस्क तथा 80 बच्चे थे। इन स्थानों पर देखी जा रही इनकी चहलकदमी राज्य पक्षी सारस नौतनवा क्षेत्र के पड़ियाताल, गनेशपुर व रतनपुर के नजदीक रोहिन नदी के तट पर अक्सर छोटे-छोटे समूह में दिखाई दे रहे हैं।
इनके अलावा दोगहरा, हरपुर पाठक, छितवनिया आदि गांवों के सीवान में दिखाई देते हैं। लक्ष्मीपुर क्षेत्र के सोंधी ताल, बेलवा बुजुर्ग ताल, अमवा ताल, जगपुर ताल, बरगदवा नहर, मुड़ली, बसंतपुर तालाब, गुलरिहा खादर एवं राजपुर क्षेत्र में सारस पक्षियों की आवाजाही ने दृश्य को मनोरम बना दिया है। संख्या में हुई है बढ़ोत्तरी महराजगंज के डीएफओ मनीष सिंह का इस संबंध में कहना है कि राज्य पक्षी सारस की संख्या में इजाफा हुआ है। इससे साफ है कि भविष्य में भी इनकी संख्या बढ़ेगी। जीपीएस री¨डग के तहत गणना कर रिपोर्ट मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव को भेजी जाएगी।

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