जानें, यहां लोग अपने ही हाथों क्यों तोड़ रहे अपने सपनों का आशियाना Basti News
बस्ती जिले में बाढ़ के डर से बहुत से लोग अपने घरों को खुद अपने हाथों से तोड़ रहे हैं।
बस्ती, जेएनएन। बस्ती जिले में सरयू की बाढ़ अपने साथ तबाही लेकर आती है। कोई घर छोड़ सुरक्षित ठिकाना तलाशता है तो कोई नदी में घर बह न जाए इस डर से उसे खुद ही तोड़ देता है। एक बार फिर लोग उन घरों को तोड़ रहे हैं जिनमें वह पीढ़ियों से रहते आ रहे थे। चार वर्ष से लोगों के घर तोड़ने का क्रम चल रहा है। एक बार फिर दुबौलिया क्षेत्र में यह काम शुरू हो गया है। सरयू ने जैसे ही रौद्र रूप दिखाया लोगों में दहशत बढ़ गई।
नदी की कहर से दहशत में हैं लोग
नदी के कहर से वाकिफ लोग इस बार इतने दहशत में हैं कि नदी की कटान घर से कुछ दूरी पर है लेकिन घर तोड़कर उसकी ईंट व सरिया सुरक्षित करने में जुट गए हैं। दुबौलिया ब्लाक क्षेत्र के दिलाशपुरा गांव के कुछ परिवारों ने पिछले वर्ष कटान के चलते घर छोड़ दिया था तो कुछ ने इस बार की कटान को देख कर घर छोड़ दिया है। इस गांव के वीरेंद्र सिंह बताते हैं इस गांव में उनके पूर्वज कब आए यह तो उन्हें जानकारी में नहीं है लेकिन नदी यहां से कोसों दूर बहा करती थी यह उन्हें बखूबी याद है। इधर के कुछ वर्षों में नदी कटान करते हुए उनके गांव तक आ गई है। अब नौबत यहां तक आ गई है कि पुश्तैनी मकान भी तोड़ना पड़ रहा है। सामान हटा चुके हैं घर तोड़ देंगे तो उसकी ईंट व सरिया को सुरक्षित कर लेंगे। मेहनत मजदूरी के बल पर परिवार का भरण पोषण होता है। जब नया घर बनेगा तो उसमें यह ईंट काम आ जाएगी।
बढ़ रहा है जलस्तर
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सरयू नदी का जलस्तर फिलहाल 92.25 मीटर पर स्थिर है जो सोमवार के मुकाबले 6 सेंटीमीटर अधिक है। यहां खतरे का निशान 92.73 मीटर है। सरयू नदी जब भी खतरे के निशान के करीब पहुंचने लगती तो तेजी से कटान शुरू कर दी है। यही वजह है कि नदी की कटान से खेती योग्य जमीन व आबादी की जमीन लगातार कट रही है। दुबौलिया ब्लाक के आधा दर्जन गांवों में तेजी से कटान हो रही है। गौरा-सैफाबाद, कटरिया-चांदपुर तटबंध पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। इसी तरह से विक्रमजोत ब्लाक के तटबंध विहीन गांवों में स्थिति लगातार संवदेनशील हो रही है। यहां गांवों की आबादी की जमीन लगातार नदी में समा रही है।
अधिकारी कर रहे निरीक्षण
तटबंधों पर चल रहे अनुरक्षण कार्य का निरीक्षण करने के लिए अधिकारी लगातार दौरा कर रहे हैं लेकिन न तो कोई तेजी आ रही है और न ही बाढ़ को गंभीरता से ही लिया जा रहा है। सोमवार को एडीएम रमेश चंद्र ने तटबंध का निरीक्षण कर बंधों की सुरक्षा का कार्य तेजी से करने का निर्देश दिया था उसके बाद भी काम में कोई खास तेजी नहीं आई।