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यहां किराये के भवन में चलते हैं सरकारी स्कूल, 1981 में हुई थी स्कूलों की स्थापना Gorakhpur News

पडरौना जिले में कुछ सरकारी स्कूलों के पास अपना भवन नहीं है। भवन न होने से ये स्कूल किराये के भवन में संचालित होते हैं। भवन निर्माण के लिए भूमि की अनुपलब्धता बता विभाग आसानी से अपनी जिम्मेदारी टाल जाता है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 02:30 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 02:30 PM (IST)
यहां किराये के भवन में चलते हैं सरकारी स्कूल, 1981 में हुई थी स्कूलों की स्थापना Gorakhpur News
पडरौना नगर स्थित साहबगंज में ध्वस्त विद्यालय।

प्रद्युम्न कुमार शुक्ल, गोरखपुर : पडरौना जिले में कुछ सरकारी स्कूलों के पास अपना भवन नहीं है। भवन न होने से ये स्कूल किराये के भवन में संचालित होते हैं। भवन निर्माण के लिए भूमि की अनुपलब्धता बता विभाग आसानी से अपनी जिम्मेदारी टाल जाता है। इस तरह बुनियादी शिक्षा में सुधार के तमाम दावों के बीच यह तस्वीर बयां कर रही है कि परिषदीय शिक्षा व्यवस्था संसाधनों की कमी से जूझ रही है और शिक्षकों की कमी के अलावा यहां भवन की भी दरकार है।

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स्‍थापना के बाद से अब तक नसीब नहीं हो सका अपना भवन

पडरौना नगर में संचालित प्राथमिक विद्यालय नौका टोला व प्राथमिक विद्यालय कन्नौजिया वार्ड पूर्वी को स्थापना के समय से आज तक अपना भवन नसीब नहीं हो सका। वर्ष 1981 में तत्कालीन नगर पालिका चेयरमैन विंदेश्‍वरी ने किराये के भवन में इन स्कूलों का शुभारंभ किया था, तबसे यह विद्यालय किराये के भवन में ही संचालित होते आ रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय नौका टोला में 45 बच्चों का नामांकन है। कोरोना काल से पहले स्कूल जब संचालित हो रहे थे तो वहां 30 से 35 बच्चे रोज स्कूल आते थे। वहीं प्राथमिक विद्यालय कन्नौजिया वार्ड पूर्वी में 72 बच्चों का नामांकन है और वहां 55 से 60 बच्चे रोज स्कूल आते थे।

परिषदीय स्‍कूलों को लेकर शासन गंभीर

यह हाल तब है जब परिषदीय स्कूलों को लेकर शासन बेहद गंभीर है। स्कूलों में बेहतर माहौल तथा गुणवत्तायुक्त शिक्षा मुहैया कराने के लिए नित नए कदम उठाए जा रहे हैं। महत्वाकांक्षी कायाकल्प योजना का मकसद ही है स्कूलों की दशा व दिशा में आमूलचूल परिवर्तन। बावजूद इसके जिम्मेदारों की उदासीनता इस व्यवस्था पर भारी पड़ रही है।

शिक्षक अपने पास से देते हैं किराया

प्रावि नौका टोला का किराया प्रतिमाह 500 रुपये है, जिसे शिक्षक स्वयं वहन करते हैं। वहीं प्रावि कन्नौजिया वार्ड पूर्वी का किराया 600 सौ रुपये प्रतिमाह है। इसका भुगतान विभाग करता है।

भवन विहीन हुआ संविलियन विद्यालय साहबगंज

पडरौना नगर स्थित संविलियन विद्यालय साहबगंज जर्जर घोषित है। टेंडर होने के बाद से विद्यालय को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई शुरू हो गई। अब यहां नामांकित बच्चे कहां पढ़ाई करेंगे, यह भी एक सवाल है। विद्यालय में कुल 112 बच्चों का नामांकन है।

जिले में है कुल 2464 स्कूल

-286 जूनियर

-538 संविलयन

-1640 प्राथमिक

भूमि की हो रही तलाश

बीएसए विमलेश कुमार ने कहा कि भवन निर्माण के लिए भूमि की तलाश चल रही है। भूमि की उपलब्धता होते ही स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। शिक्षकों द्वारा किराया दिये जाने की जानकारी नहीं थी। इसे पता करवा रहा हूं, स्कूल के किराये का भुगतान विभाग द्वारा किया जाएगा।


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