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फूलों की खेती से महकेगा जनपद, अनुदान और लक्ष्य तय

सरकार ने फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान देने की घोषणा की है। यह खेती उद्यान विभाग के सहयोग से की जाएगी।

By Edited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 09:24 AM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 09:45 AM (IST)
फूलों की खेती से महकेगा जनपद, अनुदान और लक्ष्य तय
फूलों की खेती से महकेगा जनपद, अनुदान और लक्ष्य तय
गोरखपुर, (जेएनएन)। बस्ती जनपद में फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा। एक बार फिर जनपद फूल की खेती से महकेगा। किसानों को इस खेती पर प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान मिलेगा। इसमें अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को विशेष छूट दी जाएगी। फूल उत्पादन बढ़ने से जनपद के फूल विक्रेताओं को सुविधा हो जाएगी। चार हेक्टेयर में होगी फूलों की खेती सरकार खेती-बारी के साथ-साथ किसानों को आíथक रूप से मजबूत बनाने के लिए खेती करने के लिए अनुदान भी दे रही। उद्यान विभाग के तहत जनपद में चार हेक्टेयर में गेंदा फूल की खेती कराई जाएगी। वित्तीय वर्ष 2018-19 का लक्ष्य जारी हो गया है।
सामान्य वर्ग के किसानों को 12 हजार रुपये जबकि अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को प्रति हेक्टेयर 16 हजार रुपये की दर से अनुदान मिलेगा। पिछले वित्तीय वर्ष में तीन हेक्टेयर फूल की खेती का लक्ष्य आया था। इस बार लक्ष्य में बढ़ोत्तरी की गई है। हर क्षेत्र में फूल की खेती कराने की तैयारी उद्यान विभाग हर क्षेत्र में फूल की खेती से किसान जुड़े इसके लिए उन्हें प्रेरित कर रहा है। किसानों को बताया जा रहा है कि इस खेती में कितना नफा-नुकसान है।
अभी कुछ किसान बिना उद्यान विभाग के तकनीकी जानकारी से खेती कर रहे, इससे फूल का उत्पादन बेहतर नहीं कर पा रहा है। अब विभाग किसानों को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराएगा। ताकि उन्हें अच्छी आय हो सके। फूल की खेती से माली वर्ग को होगी आसानी फूल का कारोबार करने वाले जनपद के माली लोगों को गेंदा फूल वाराणसी समेत अन्य जनपदों से मंगाना पड़ता है, इससे उनका समय भी अधिक लगता है और किराया भी अधिक देना पड़ता है।
जनपद में आसानी से गेंदा फूल मिलने पर मालियों का समय और किराया दोनों बचेगा। और तो और इसे खेती से जुड़ने वाले किसान रोजगार के जरिए तरक्की के द्वार खोल सकते हैं। सीधे खाते में जाएगी रकम प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्र पांडेय का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष में 4 हेक्टेयर में गेंदा फूल की खेती किसानों के माध्यम से कराई जाएगी। इसमें अलग से किसानों को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए किसानों को अनुदान की रकम उनके खाते में भेज दी जाएगी।

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