सिर चढ़कर बोल रहा फुटबाल का जादू
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रूस में फीफा विश्वकप फुटबाल शुरू होने के साथ ही पूरे विश्व में
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रूस में फीफा विश्वकप फुटबाल शुरू होने के साथ ही पूरे विश्व में फुटबाल का जादू सिर चढ़कर बोलने लगा है। गोरखपुर में भी इसकी लोकप्रियता कम नहीं है। यहां के भी खिलाड़ी, प्रशिक्षक और खेलप्रेमी गुरुवार की रात 8.30 बजे के आसपास उद्घाटन मैच शुरू होते ही टीवी से चिपक गए। दिन में स्टेडियम गुलजार रहे तो रात के समय घरों में उत्साह का माहौल। सब अपने-अपने पसंदीदा टीम को चैंपियन बना रहे थे। साथ ही एक टीस भी मन को बोझिल बना रही थी। काश भारतीय टीम की जर्सी भी विश्वकप में देखने को मिलती।
भारतीय टीम कभी फीफा विश्वकप में नहीं खेल पाई है। एक बार भारत के खिलाड़ियों ने विश्वकप के लिए क्वालीफाई भी कर लिया था लेकिन पैर में जूते नहीं होने के चलते उन्हें बाहर ही बैठना पड़ा। हालांकि, अब सरकार भी आगे आ रही है। सरकार की भी इच्छा है कि भारत में भी मेसी और नेमार जैसे फुटबालर तैयार हों। पिछले वर्ष से भारत सरकार की पहल पर फेडरेशन इंटरनेशनल दि फुटबाल एसोसिएशन (फीफा) ने इसकी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। देश के 15 हजार स्कूलों में फुटबाल की नर्सरी तैयार की जा रही है। इसके तहत उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ भी शामिल हैं। भारत सरकार और सहयोगी संस्था 'मिशन इलेवन मिलियन' की तरफ से इन महानगरों के समस्त जूनियर हाईस्कूलों में दो-दो निश्शुल्क फुटबाल उपलब्ध कराया गया। फीफा वर्ल्ड कप अंडर-17 के आयोजन को देखते हुए सरकार ने पूरे देश में फुटबाल का माहौल तैयार करने की अलख जगा दी है। समय-समय पर विश्वस्तरीय खिलाड़ी देश में बुलाए जा रहे हैं। गोरखपुर के खिलाड़ी भी अंडर-17 और अंडर-19 में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।
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विश्वकप में विश्व की बेहतरीन टीमें भाग ले रही हैं। ऐसे में सभी मैच महत्वपूर्ण होंगे। रैंकिंग के हिसाब से वर्तमान में भारत की स्थिति भी बेहतर हुई है। रैंकिंग 97 हो गई है, इसे निरंतर सुधार कहा जाएगा। रूस की 74वीं और सउदी अरब की 67 रैंकिंग है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में फीफा विश्वकप में भारत का भी राष्ट्रगान गूंजेगा।
- मो. हमजा खान, सचिव- जिला फुटबाल संघ
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- मेरा सपना है भारतीय टीम की जर्सी पहनना। साथ ही यह भी चाहता हूं कि मैं जिस टीम में रहूं वह फीफा विश्वकप खेले। इसके लिए मैं ही नहीं देश के हजारों युवा खिलाड़ी मेहनत कर रहे हैं। आने वाले समय में मेरा सपना जरूर सच होगा। विश्वकप शुरू होने के साथ रोमांच भी बढ़ गया है। इससे सीखने को मिलेगा।
- शुभम मिश्रा, अंडर-19 नेशनल खिलाड़ी।
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आने वाले समय में भारतीय टीम भी विश्वकप में खेलेगी। ऐसा लग रहा है। मैं खुद छोटे बच्चों की नर्सरी तैयार कर रहा हूं। गोरखपुर के बच्चों में भी फुटबाल को लेकर लगाव बढ़ रहा है। अब तो स्कूलों में भी इस खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए निरंतर प्रोत्साहन जरूरी है।
- संजय साहनी- फुटबाल प्रशिक्षक
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एक समय था जब बच्चे सिर्फ गावस्कर और सचिन बनने का सपना देखा करते थे। अब ऐसा नहीं है। वे रोनाल्डो, रोनाल्डिन्हो, मेसी, रोमारियो, भूटिया और क्षेत्री बनना चाहते हैं। इसके लिए बच्चे मेहनत कर रहे हैं। उन्हें प्रशिक्षित कर अच्छा लग रहा है। आने वाला भविष्य भारत का है। लेकिन अभिभावकों को आगे आना होगा।
- मन्नू क्षेत्री- फुटबाल प्रशिक्षक
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गोरखपुर में विशेषकर पूर्वाचल में महिला खिलाड़ियों के लिए कोई विशेष सुविधाएं नहीं हैं। इसके बावजूद मैं देश के लिए फुटबाल खेलना चाहती हूं। मेहनत कर रही हूं। मेरा सपना है कि भारत भी फीफा विश्वकप में खेले। विश्वकप के दौरान मैं कहीं नहीं जाऊंगी। टीवी पर मैच देखकर सीखने की कोशिश करुंगी।
- प्रियंका, अंडर-19 नेशनल खिलाड़ी