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इन्‍हें घर की कम, कोरोना संक्रमित मरीजों की ज्‍यादा चिंता, करते आ रहे सेवा Gorakhpur News

उन्हें बच्चों व परिवार की चिंता तो थी लेकिन समाज सेवा को प्राथमिकता दी। उन्होंने न सिर्फ अपनी पेशागत जिम्मेदारी निभाई बल्कि राष्ट्रधर्म का निर्वाह कर नई पीढ़ी के सामने मिसाल भी पे

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 01:08 PM (IST)
इन्‍हें घर की कम, कोरोना संक्रमित मरीजों की ज्‍यादा चिंता, करते आ रहे सेवा Gorakhpur News
इन्‍हें घर की कम, कोरोना संक्रमित मरीजों की ज्‍यादा चिंता, करते आ रहे सेवा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। देश सेवा के लिए हर जगह अवसर उपलब्ध हैं। सच्चे देश भक्त इन अवसरों को पहचान कर सेवा में जुट जाते हैं।

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कोरोना का संकट जब देश पर आया तो डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टॉफ घर-परिवार को छोड़कर मरीजों की सेवा में जुट गए।

उन्हें बच्चों व परिवार की चिंता तो थी लेकिन समाज सेवा को प्राथमिकता दी। उन्होंने न सिर्फ  अपनी पेशागत जिम्मेदारी निभाई बल्कि राष्ट्रधर्म का निर्वाह कर नई पीढ़ी के सामने मिसाल भी पेश की।

बिना डरे खेलते रहे कोरोना से

जिस कोरोना से लोग डरते हैं, उससे क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) के वायरोलॉजिस्ट डॉ. अशोक कुमार पांडेय रोज खेल रहे हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल के सैंपलों की जांच यहीं शुरू हुई। 18 मार्च से उन्होंने लैब की तैयारी शुरू की और पहला सैंपल 23 मार्च को टेस्ट किए। पत्नी व बेटे को शुरू के दो माह अपने से दूर रखे। इस दौरान वह फोन से हालचाल लेते रहे। प्रारंभिक दिनों में स्टॉफ कम ट्रेंड थे इसलिए उन्हें 24 घंटे लैब में काम करना पड़ा। इस दौरान वह खुद भी पॉजिटिव हो गए लेकिन निगेटिव आने के बाद पुन: अपने काम में जुट गए हैं।

मरीजों की सेवा करते हुए पॉजिटिव

बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के डॉ. अजीत कुमार द्विवेदी की ड्यूटी 25 जून से 10 जुलाई तक कोरोना वार्ड में लगाई गई थी। अंतिम दिन उनका टेस्ट हुआ तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए आइसोलेट कर दिया गया। उनका परिवार इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज में रहता है। इस दौरान वह घर नहीं जा पाए। बच्चों व पत्नी से वीडियो कॉङ्क्षलग से हालचाल लेते रहे। उनका कहना है कि कोरोना मरीजों की सेवा, देश की सेवा है। यह हमारे लिए ज्यादा जरूरी है।

घर से दूर कोरोना के पास

गुलरिहा के मोगलहा निवासी स्टॉफ नर्स सुमन कुशवाहा के सामने एक तरफ अपने बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी थी, दूसरी तरफ कोरोना से पीडि़त लोगों की सेवा की। उन्होंने कोरोना वार्ड में ड्यूटी को प्राथमिकता दी। वह पांच अगस्त से लगातार ड्यूटी कर रही हैं। पूरी सावधानी के साथ मरीजों के पास जाना, रोज उनसे बातचीत करना, उनकी दिक्कतों को दूर करना, उन्हें समय से दवा देना, उनकी जिम्मेदारी है। 20 अगस्त तक वह वार्ड में ड्यूटी करेंगी। उनका कहना है कि बच्चों को संभालने के लिए पूरा परिवार है। संकट के समय में मैंने मरीजों की सेवा चुनी।

मरीजों की सेवा में रम गया मन

वार्ड ब्वाय सुमित कुमार मिश्रा की ड्यूटी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में पांच अगस्त से चल रही है। वह 20 अगस्त तक ड्यूटी करेंगे। इस दौरान उन्हें घर नहीं जाना होगा। अस्पताल में ही आवास व भोजन की व्यवस्था की गई है। बच्चे छोटे हैं जो पत्नी के साथ रहते हैं। मरीजों की सेवा खासकर उनकी चादर बदलना, समय पर उन्हें दवा खिलाना, हर पुकार पर उनके पास पहुंचना उनकी जिम्मेदारी है। अपनी हर जिम्मेदारी को वह कर्तव्य समझकर निभा रहे हैं। कहते हैं कि सेवा करने में उन्हें बहुत आनंद आता है।  मरीज का खुश होना ही उनके लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है।       


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