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टीबी मरीजों की खोज में विभाग की चाल सुस्त, आठ माह में लक्ष्‍य आधे से भी कम Gorakhpur News

इस साल सरकारी क्षेत्र में आठ हजार और निजी क्षेत्र में छह हजार टीबी रोगियों को खोजने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक सरकारी क्षेत्र में 3577 और निजी क्षेत्र में 2857 टीबी रोगी ही चिह्नित किए जा सके हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 08:10 AM (IST)
टीबी मरीजों की खोज में विभाग की चाल सुस्त, आठ माह में लक्ष्‍य आधे से भी कम Gorakhpur News
टीबी मरीजों के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। वर्तमान वित्तीय वर्ष में शासन ने 14 हजार टीबी के नये मरीजों को खोजने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नौ माह बीत चुके हैं। अभी तक केवल 6400 मरीज ही खोजे जा सके हैं। जबकि वित्तीय वर्ष में चार माह शेष हैं। लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है।

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सरकारी और निजी क्षेत्रों को मिली है  जिम्‍मेदारी

इस साल सरकारी क्षेत्र में आठ हजार और निजी क्षेत्र में छह हजार टीबी रोगियों को खोजने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक सरकारी क्षेत्र में 3577 और निजी क्षेत्र में 2857 टीबी रोगी ही चिह्नित किए जा सके हैं। शेष बचे मात्र चार माह में लक्ष्य तक पहुंचना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। यह चुनौती इसलिए भी है कि विभाग और जिम्‍मेदार लोग बाहर निकल ही नहीं पा रहे हैं। एक तो कोरोना संक्रमण का भय और दूसरे लापरवाही मुख्‍य कारण है। कोरोना संक्रमण के भय के बीच सभी सरकारी और निजी संस्‍थाएं खुल गईं हैं। सभी जगहों पर पहले की तरह काम भी हो रहे हैं। बावजूद इसके विभाग के लापरवाह लोग इसमें दिलचस्‍पी नहीं रहे हैं। उनके पास कोरोना संक्रमण का खूबसूरत बहाना है।

41 बाल रोगी लिये गए गोद 

जिले में अभी तक टीबी के 41 बाल रोगियों को लोगों ने गोद लिया है। इनमें से कुछ बच्‍चे स्वस्थ भी हो चुके हैं। जिले में 27 ऐसे मरीज हैं जिनमें टीबी के साथ एचआइवी भी है। जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डा. रामेश्वर मिश्रा का कहना है कि कोरोना के चलते अभियान की गति थोड़ी सुस्त पड़ गई थी। पुन: नये सिरे से मरीजों को खोजने का कार्य तेज कर दिया गया है। मार्च तक हर हाल में लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।


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