योजना का धन खर्च नहीं कर पाया स्वास्थ्य विभाग, अब होगी कार्रवाई
सरकार ने बजट दिया था। बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर और कुशीनगर समेत 66 जिलों में कोई कार्य नहीं हुआ। शासन अब सख्त हो गया है।
गोरखपुर (जेएनएन)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जो बजट जनपदों को उपलब्ध कराए थे, उस मद को खर्च करने में बस्ती समेत प्रदेश के 66 जनपद फिसड्डी साबित हुए हैं। शासन ने राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत धनराशि आवंटित की थी। इस धनराशि को खर्च कर समय से आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। पर, ऐसा नहीं हुआ और मुख्य चिकित्सा अधिकारी चूक कर गए। जिस पर जवाब तलब हुआ है। बता दें कि इस मद में जनपदों के लिए 563.11 लाख धनराशि की स्वीकृति दी गई थी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत आठ जिलों को राजकीय क्षेत्र एवं स्वैच्छिक क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 154.23 लाख रुपये और 30 जनपदों को लंबित देनदारियों के लिए 483.73 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। उक्त रकम को सितंबर में खर्च करना था। शासन स्तर पर हुई समीक्षा में 1201.07 लाख रुपये की धनराशि एवं विगत वर्षों की लंबित देनदारियों के लिए उपलब्ध है, जिसके सापेक्ष कमिटेड के मद में 293.48 लाख रुपये की धनराशि ही व्यय कर सके। इस पर शासन ने नाराजगी जताई है। इन फिसड्डी जनपदों के सीएमओ को चेतावनी जारी करते हुए बची धनराशि को 15 दिन के भीतर कर आख्या रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
इन जनपदों के सीएमओ को पड़ी फटकार
बस्ती, आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, आंबेडकरनगर, अमेठी, अमरोहा, बागपत, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बदायूं, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फैजाबाद, फर्रूखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कानुपर नगर व देहात, कासगंज, कौशांबी, कुशीनगर, खीरी, लखनऊ, महोबा, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संभल, संतकबीरनगर, संत रविदास नगर, शाहजहांपुर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव व वाराणसी के सीएमओ शामिल हैं।
बजट खर्च करने में एनएचएम की जिम्मेदारी
सीएमओ के तरह ही उपलब्ध बजट को खर्च करने की जिम्मेदारी एनएचएम प्रबंधक की भी होती है, दोनों की ढिलाई के चलते आया बजट डंप है और खर्च न होने पर चेतावनी पा चुके हैं। बताया जा रहा है कि कर्मियों की ढिलाई के चलते ऐसा हुआ है, कागजी घोड़ा दौड़ाने का नतीजा भी है।
तकनीकी समस्याओं के कारण नहीं खर्च हो पाई रकम
बस्ती के सीएमओ डा. जेएलएम कुशवाहा का कहना है कि लंबित देनदारियों के भुगतान के लिए आया बजट समय से खर्च करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन कुछ तकनीकी समस्या से ऐसा नहीं हो सका। एनएचएम प्रबंधक से पूरी रिपोर्ट ली जाएगी। 15 दिन के भीतर बजट खर्च कर शासन को सूचना उपलब्ध करा दी जाएगी।