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इस कारण नाम ही पड़ गया हरियाली बाबा, राज्यपाल से हो चुके हैं सम्मानित

पलटन यादव अब तक एक लाख से ज्यादा पौधे बांट चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण के इसी जुनून के कारण ही उनका नाम हरियाली बाबा पड़ गया।

By Edited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 09:29 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 10:03 AM (IST)
इस कारण नाम ही पड़ गया हरियाली बाबा, राज्यपाल से हो चुके हैं सम्मानित
इस कारण नाम ही पड़ गया हरियाली बाबा, राज्यपाल से हो चुके हैं सम्मानित
गोरखपुर, जेएनएन। जबतक वातावरण में प्रदूषण का जहर घुलता रहेगा तबतक कितने भी एम्स खुल जाएं बीमारियों से मौत का सिलसिला चलता रहेगा। यह कहना है प्रकृति प्रेमी पलटन यादव का, जिन्होंने पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए एक मौजू मुहिम छेड़ रखी है। घर-घर में पौधा पहुंचाकर पर्यावरण संरक्षण में हर व्यक्ति का योगदान सुनिश्चित करने की।
अपनी जिद भरी मुहिम के क्रम में वह अब तक एक लाख से अधिक पौधे लोगों में बांट चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर इस जिद के चलते पलटन अब हरियाली बाबा के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। बकौल हरियाली बाबा उनकी यह मुहिम तबतक जारी रहेगी, जबतक कि हर घर में उन्हें कम से कम एक पौधा नहीं दिखने लगेगा। ऐसे शुरू हुई मुहिम कुशीनगर जिले के भलुही मदारी पट्टी निवासी 78 वर्षीय हरियाली बाबा की हरियाली यात्रा 30 साल पहले लखनऊ से तब शुरू हुई जब वहां विकास के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा था।
पहले तो उन्होंने पेड़ कटना रोकने की कोशिश की लेकिन जब उसमें सफलता नहीं मिली तो पौधे लगाकर उसकी भरपाई करने का फैसला ले लिया। उसके बाद तो जिद भरा फैसला मुहिम में कब बदल गया, पता ही नहीं चला। पहले उन्होंने हर उस स्थान पर पौधा लगाना शुरू किया, जहां उन्हें जमीन खाली मिली लेकिन जब यह प्रयास नाकाफी लगा तो लोगों में पौधा बांटने का काम भी शुरू कर दिया। इसके पीछे उनका इरादा अधिक से अधिक लोगों को अपनी मुहिम का हिस्सा बनाना था, जिसपर वह आज भी कायम है।
पलटन लोगों में उनकी इच्छानुसार फलदार, शोभाकार, खुशबूदार, इमारती, हर्बल पौधे बांटते हैं। तुलसी के लिए मिल चुका है राज्यपाल सम्मान पलटन को तुलसी के पौधे से विशेष प्रेम है। इसकी वजह यह है कि पौधा बांटने की मुहिम उन्होंने इसी पौधे से शुरू की थी। तुलसी का पौधा लोगों को देते वक्त वह उसका औषधीय और पर्यावरण संरक्षण का गुण बताना नहीं भूलते। तुलसी प्रेम और इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाने के लिए पलटन पूर्व राज्यपाल विष्णुकांत शास्त्री से सम्मानित भी हो चुके हैं। पौध वितरण के लिए नगर निगम से मांगा है वाहन घर-घर में पौध वितरण के लिए पलटन यादव ने वर्ष भर पहले हरियाली रथ अभियान चलाया।
इसके तहत वह अपने सीमित आर्थिक संसाधन से कुछ दिनों तक तो हरियाली रथ लेकर लोगों तक पहुंचे और उससे पौधों का वितरण किया लेकिन जब इसमें धन की कमी रोड़ा बनी तो उन्होंने बीते महीने नगर आयुक्त से ईधन सहित वाहन उपलब्ध कराने की गुहार लगाई। नगर आयुक्त पलटन के प्रयास से प्रभावित हुए और अपने वाहन अधिकारी को इस बाबत निर्देश जारी कर दिया। पलटन का कहना है कि वाहन मिलते ही पौधों को घर-घर पहुंचाने की प्रक्रिया में एक बार तेजी आ जाएगी।

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