गोरखपुर जेल में कैदियों ने कायम किया जंगलराज, फायरिंग और पथराव
गोरखपुर जेल में बवाल के बाद बातचीत करने पहुंचे डीआइजी जेल यादवेंद्र शुक्ल और वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके शर्मा को कैदियों ने बंधक बना लिया।
गोरखपुर (जेएनएन)। मंडलीय कारागार गोरखपुर में कई दिन से पल रहे तनाव ने आज विस्फोटक रूप ले लिया। एक कैदी की मौत से गुस्साए बंदियों ने जेल में जंगलराज कायम कर दिया। पांच बंदीरक्षकों को घायल कर दो बंदीरक्षकों को बंधक बना लिया और जमकर पथराव किया। हालात बेकाबू होने पर पहुंचे डीएम, एसएसपी ने आंसू गैस और रबर बुलेट चलवाए लेकिन स्थिति नियंत्रित नहीं हो पाई। अफसरों और बंदियों के बीच तीन घंटे चली वार्ता भी बेनतीजा रही। बाद में पहुंचे वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके शर्मा ने स्थिति संभालने का जिम्मा लेकर डीएम, एसएसपी के साथ फोर्स लौटा दिया, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई। बंदीरक्षकों ने उनके रवैये से क्षुब्ध होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बिगड़ी स्थिति का अगला अध्याय बंदियों ने शाम साढ़े चार बजे लिखा। उन्होंने बातचीत करने पहुंचे डीआइजी जेल यादवेंद्र शुक्ल और वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके शर्मा को बंधक बना लिया। अधिकारियों को छुड़ाने के लिए बंदीरक्षकों ने फायरिंग की तो बंदी फिर पथराव करने लगे। उनकी मांगों को पूरा करने के आश्वासन के बाद दोनों अधिकारियों को छोड़ा गया। इस दौरान चार बंदियों ने टावर पर चढ़कर भागने की कोशिश की। शाम को जेल के सभी बंदियों ने पूरी तरह कार्य बहिष्कार कर दिया। माहौल तनावपूर्ण बना रहा।
उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा होगा कांग्रेस का बड़ा चुनावी मुद्दा
जेलर पर उत्पीडऩ का आरोप
दरअसल, जेल में बवाल की नींव तीन दिन पहले ही पड़ गई थी। आइजी जेल के निर्देश पर जेलर डॉ. आरके सिंह ने 11 व 12 अक्टूबर की रात में छापेमारी कर बंदियों के पास से 129 मोबाइल फोन बरामद किए। इसको को लेकर बंदियों में गुस्सा था। गुरुवार सुबह हत्या में सजायाफ्ता कैदी सूर्यभान की तबीयत बिगड़ गई। जिला अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। कैदी की मौत की सूचना मिलते ही बंदियों ने हंगामा शुरू कर दिया। खाने में शिकायत और जेलर पर उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए उन्होंने बैरक और किचन पर कब्जा जमा लिया। बंदीरक्षक राजेन्द्र यादव को पीटकर जख्मी कर दिया। बंदीरक्षक सुरेन्द्र यादव, रामनरेश कुशवाहा, जनार्दन मिश्र व जय प्रताप सिंह बीच बचाव करने गए तो उन पर भी हमला कर दिया। बाकी बंदीरक्षक तो जान बचाकर भाग निकले, लेकिन जनार्दन और जय प्रताप को बंदियों ने बंधक बना लिया। घायल बंदीरक्षकों को बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है।
पढ़ें- कैदियों के कब्जे में जिला जेल गोरखपुर, माहौल बेहद तनावपूर्ण
मामला बिगडऩे पर जेलर ने मांगी प्रशासन से मदद
जेलर डॉ. आरके सिंह ने पगली घंटी बजाई तो बाकी बंदीरक्षक इकट्ठा हो गए। दूसरी ओर बंदियों ने बैरक परिसर के अंतिम मुख्य गेट को अंदर से बंद कर परिसर पर कब्जा जमा लिया। पेड़ व छतों पर चढ़कर पथराव करने लगे। करीब डेढ़ हजार बंदियों के आगे डेढ़ सौ बंदीरक्षक असहाय होने लगे तो जेलर ने जिला प्रशासन को सूचना दी। जिलाधिकारी संध्या तिवारी, एसएसपी रामलाल वर्मा पुलिस व पीएसी के जवानों के साथ जेल पहुंच गए।
पढ़ें- गोरखपुर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान नदी में डूबकर पांच की मौत
चार बंदियों ने की भागने की कोशिश
गोरखपुर जेल में हंगामा के दौरान चार बन्दियों ने बैरक की दीवार पर सीढ़ी लगाकर भागने की कोशिश की। वह दीवार पर चढ़ गए थे लेकिन दीवाल ऊंची होने के कारण नीचे कूद नहीं पाए। उन्हें दीवार पर चढ़ता देख पुलिस ने सात राउंड फायरिंग की जिसके कारण उन्हें वापस बैरक में भागना पड़ा। हंगामा जारी है।